N/A
Total Visitor
29.5 C
Delhi
Monday, June 30, 2025

अयोध्या विवाद में CJI एस. ए. बोबडे एक्टर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे

अयोध्या विवाद में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एस. ए. बोबडे बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे। यह जानकारी एसए बोबडे के बतौर सीजेआई के कार्यकाल के अंतिम दिन सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने इस बात का शुक्रवार को खुलासा किया। सीजेआई को दिए गए वर्चुअल फेयरवेल में बोलते हुए विकास सिंह ने बताया कि जस्टिस बोबडे ने उनसे शाहरुख खान के लिए इस मामले में मध्यस्थता करने के लिए कहा था। बाद में शाहरुख खान ने इस पर सहमति भी जता दी थी।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सिंह ने बताया, ”जब जस्टिस बोबडे अयोध्या मामले में शुरुआती समय में थे, तब भी उनका मत साफ था कि इस मामले को मध्यस्थता से निपटाया जाना चाहिए। चूंकि मैं शाहरुख खान के परिवार को अच्छी तरह से जानता हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या शाहरुख मध्यस्थता के लिए तैयार होंगे अगर उनसे ऐसा करने के लिए कहा जाए?” सिंह ने बताया कि उन्होंने इस बारे में शाहरुख से बात भी की थी और उन्होंने इसका हिस्सा बनने में रुचि भी दिखाई थी। शाहरुख का मानना था कि यह हिंदुओं और मुस्लिमों को एकसाथ लाने का सबसे अच्छा तरीका है।

फेयरवेल स्पीच में विकास सिंह ने आगे बताया, ”उन्होंने (शाहरुख) मुझे सुझाव दिया था कि मंदिर की आधारशिला किसी जाने-माने मुस्लिम शख्स द्वारा रखी जाए और मस्जिद की आधारशिला किसी हिंदू द्वारा रखी जाए। दुर्भाग्य से मध्यस्थता को लेकर आगे कदम नहीं उठाए जा सके।” हमारे सहयोगी अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स ने शाहरुख खान की प्रतिक्रिया के लिए उनसे संपर्क भी किया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच जिसमें तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर शामिल थे, उन्होंने मार्च 2019 में अयोध्या विवाद में मध्यस्थता के जरिए से हल निकालने के लिए कहा था। कोर्ट ने तीन सदस्यों वाली कमेटी का भी गठन किया था, जिसमें कोर्ट के पूर्व जज एफएम इब्राहीम खलीफुल्ला, श्रीश्री रविशंकर और सीनियर एडवोकेट श्रीराम पंचू शामिल थे। पैनल को और लोगों को मध्यस्थता के लिए शामिल किए जाने की छूट दी गई थी। 

पूरे मामले की जानकारी देते हुए एडवोकेट सिंह ने बताया कि उन्होंने शाहरुख खान को फोन किया था जो शुरू में तो इसका हिस्सा बनने को अनिच्छुक थे, लेकिन बाद में उन्होंने सहमति प्रदान कर दी थी। सिंह ने कहा, ”मैंने उनको बताया कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा चाहता है तो वे सहमत हो गए। उनका हमेशा से यही मानना रहा है कि हिंदू और मुस्लिम शांति और आपसी सम्मान के साथ रहें। इसके बाद उन्होंने आधारशिला रखने को लेकर सुझाव भी दिया था। हालांकि, मध्यस्थता कभी भी जमीनी स्तर पर नहीं हो सकी।”

वहीं, सिंह ने उनके और जस्टिस बोबडे के बीच में एक सीक्रेट को लेकर भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी हार्ले डेविडसन बाइक बेचना चाहता था। हर कोई जानता है कि बोबडे को बाइक्स काफी पसंद हैं। मैं जब उनके साथ एक फ्लाइट में था, तब मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी बाइक को बेचना चाहता हूं। बोबडे ने कहा कि वे उसे खरीदना चाहेंगे तो मैंने उसे उनके पास भेज दिया। मैंने उनसे कहा कि यह काफी भारी है, लेकिन जस्टिस बोबडे ने जवाब दिया कि वह बचपन से ही बाइक चला रहे हैं। बाइक की वजह से वे गिर भी गए, जिसमें हल्की चोट लगी। उन्होंने मुझे बताया कि बाइक के वजन की वजह से वे नहीं गिरे थे, बल्कि साइड स्टैंड की वजह से ऐसा हुआ था।” सिंह ने बताया कि इस चोट की वजह से न सिर्फ अयोध्या विवाद पर सुनवाई चार हफ्ते के लिए प्रभावित हुई थी, बल्कि उन्हें बाइक के लिए किसी दूसरे खरीदार को भी देखना पड़ा था।

newsaddaindia6
newsaddaindia6
Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »