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Monday, June 23, 2025

दिल्ली एयर पॉलुशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविन्द केजरीवाल को CJI ने लगायी जबरस्त फटकार

दिल्ली एयर पॉलुशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविन्द केजरीवाल को CJI ने लगायी जबरस्त फटकार , रेवेन्यू का इस्तेमाल एडवरटीज़मेंट में कर रहे है , हम ऑडिट बैठाएंगे !

दिल्ली में एयर पॉलुशन को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सख्त नज़र आया और दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार को जबरदस्त फटकार लगाया |

दरअसल एयर प्रदूषण मामले पर आज दिल्ली सरकार की तरफ से हलफनामा दिया गया था जिसमें दिल्ली सरकार ने तीन सुझाव दिए| दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा में कहा कि हम पूर्ण लॉकडाउन के लिए तैयार। दूसरा हम odd-even लागु कर सकते हैं और हम ट्रक की दिल्ली में एंट्री नहीं देंगे | लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलेगा जब दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में लॉकडाउन लगे।

दिल्ली सरकार इस इस हलफनामे पर सॉलिसिटर जनरल. ने केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली सरकार को सलाह दी कि आप दिल्ली में पार्किंग फीस को तीन गुना कर दीजिये |

आइये देखते हैं दिल्ली के वायु प्रदुषण पर सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान क्या कुछ रहा और चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने दिल्ली सरकार से क्या कुछ कहा | –

कोर्ट ने बहस के दौरान कहा कि हम बस चाहते है कि प्रदूषण कम हो। हमें राजनीति से कोई मतलब नही।

दिल्ली सरकार ने कहा कि प्रदुषण को देखते हुए 20 तारीख तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा निर्माण पर 17 तक रोक लगाई है। लेकिन दिल्ली सरकार ने म्युनिस्पल कारपोरेशन पर इस प्रदुषण का ठीकरा फोड़ते हुए कहा की McD ठीक से काम नहीं कर रही है | वो हमारे साथ सहयोग नहीं कर रही है |

तब चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने कहा कि आप हमें दादी माँ की कहानियां सुना रहे हैं | आपजा म्युनिसिपल कारपोरेशन पर आरोप लगाना गलत है |

दिल्ली सरकार के इस जवाब पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप रेवेन्यू इकट्ठा कर सिर्फ एडवरटाइजिंग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमे देखना होगा कि आप कितना रेवेन्यू लेते है। कितना खर्च करते है काम पर और कितना प्रचार पर खर्च करते है।
आप हमें मजबूर न करे कि हम आपका ऑडिट कराए। कोर्ट ने कहा कि क्या 69 मशीन डस्ट वाली साफिसिएंट है? CJI ने कहा ने कहा कि आप ब्लेम MCD पर डाल रहे है। अगर आपका यही रवैया रहा तो हम ऑडिट करेंगे कि आपने स्लोगन पर कितना खर्च किया है? आप रेवेन्यू इकठ्ठा जो कर रहे है उसका स्लोगन (add) पर कितना खर्च कर रहे है इसका ऑडिट करने के आदेश देने के लिए हमें आमंत्रित न करे।

CJI ने कहा कि हमारा कंसर्न सिर्फ प्रदूषण को कम करना है। आपको स्कूल बंद करना है, निर्माण पर रोक लगानी है, उद्योगों को कुछ समय के लिए बंद करना है। आप जो करना है वो करे। यह हमारा काम नही है हम चिंतित हैं प्रदूषण कैसे कम हो |

साथ ही CJI ने केंद्र से पूछा कि आपने इमरजेंसी मीटिंग के बारे में कहा था कि उसका क्या हुआ?

तब CJI ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण कि हमें सरकारों का एजेंडा भी तय करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद थी कि बैठक में कुछ ठोस निकलेगा। आप गाड़ी, धूल, निर्माण, वर्क फ्रॉम होम आदि पर कल शाम तक निर्णय लीजिए। हम कल शाम या परसों सुनवाई करेंगे। पंजाब, यूपी, हरियाणा कोशिश करें कि पराली जलना 1 हफ्ता रुके|

इस पर याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि पंजाब में मामले दर्ज नही हो रहा है क्योंकि वहां चुनाव है।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने विकास सिंह ने पूछा कि आपका क्या सुझाव है?
विकास सिंह ने कहा कि पराली को लेकर एक कमिटी के गठन करना चाहिए।आप कुछ खास हो तो बताए नही तो केंद्र को उनके द्वारा उठाए गए कदम को जान ले। जिससे प्रदुषण को कम करने के लिए कदम उठाए जा सके।

CJI ने कुछ सुझाव दिए और कहा की टास्कफोर्स के साथ मिलकर केंद्र और दिल्ली सरकार कल शाम तक कोर्ट को जवाब दे |

CJI ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई मंगलवार की मीटिंग में यूपी, दिल्ली,हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को मौजूद रहना जरूरी होगा। CJI ने कहा किन इंडस्ट्री को बंद किया जा सकता है, किन गाड़ियों की इंट्री बंद की जा सकती है, किन पॉवर प्लांट को बंद किया जा सकता है और बिजली सप्लाई का अल्टरनेट क्या होगा इन सबके बारे में कल तक बताइए। साथ ही कल शाम तक सभी राज्य अपना हलफनामा दाखिल करे। CJI ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण घूल, ट्रांसपोर्ट, फैक्ट्री आदि है। इसको देखते हुए आपातकालीन मीटिंग कर रास्ता निकालिये |

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने दिल्ली सरकार को कहा कि पंजाब सरकार ने पराली जलाने के लिए जुर्माना लगाया है। आपने किसानों को इंसेंटिव देने जैसे कदमो के बारे में भी कुछ किया हैं ?

CJI ने पंजाब हरियाणा राज्यो से कहा कि हम आप को फोर्स नही कर रहे लेकिन आप किसानों से बात करें की कम से कम एक हफ्ते तक पराली न जलाएं। CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण कि हमें सरकारों का एजेंडा भी तय करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद थी कि बैठक में कुछ ठोस निकलेगा, लेकिन पहले की तरह ही आपलोगो ने कंक्रीट कुछ नही दिया। कोर्ट ने कहा कि पराली का असर 2 महीने रहता है। अभी वह जल रही है। हम पंजाब, हरियाणा और यूपी से चाहेंगे कि वह किसानों को समझाएं। वर्क फ्रॉम होम जैसे उपायों पर भी मीटिंग में बात की जाए।

मामले पर अगली sunwaib17 नवंबर को होगी।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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