नई दिल्ली, 5 नवंबर 2024, मंगलवार: प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि गणपति पूजा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके आधिकारिक आवास पर आने में कुछ भी गलत नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद मजबूत अंतर-संस्थागत तंत्र के तहत होता है और दोनों की शक्तियों के पृथक्करण का मतलब यह नहीं है कि वे एक-दूसरे से मिलेंगे नहीं।
न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद पर सीजेआई का स्पष्टीकरण
इस बयान के पीछे का पॉलिटिक्स यह है कि प्रधानमंत्री मोदी के सीजेआई के घर जाने के औचित्य और न्यायपालिका व कार्यपालिका की सीमाओं पर विपक्षी दलों और वकीलों के एक वर्ग ने सवाल उठाए थे। लेकिन सीजेआई चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े व्यक्तियों के बीच निरंतर बैठकें होती हैं।
न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सहयोग पर सीजेआई का महत्वपूर्ण बयान
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक हल्कों में परिपक्वता की भावना होनी चाहिए, क्योंकि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बातचीत का अदालती मामलों पर होने वाले फैसलों से कोई लेना-देना नहीं है। सीजेआई चंद्रचूड़ के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच संवाद और सहयोग की आवश्यकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे एक-दूसरे की शक्तियों में हस्तक्षेप करें।