लोक जनशक्ति पार्टी के भीतर जारी सियासी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी में दो फाड़ हो गई है। चिराग गुट और पारस गुट अपने-अपने हिसाब से पार्टी पर दावा कर रहे हैं। पशुपति पारस के साथ अन्य सभी सांसदों ने मिलकर पार्टी पर कब्जा कर लिया है, वहीं चिराग पासवान बैकफुट पर आ गए हैं और वर्चस्व की जंग लड़ रहे हैं। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता और चिराग पासवान के मित्र सौरभ पांडेय ने एक पत्र जारी किया है।

चिराग पासवान के मित्र सौरभ पांडेय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रामविलास पासवान द्वारा लिखा कथित पत्र जारी किया। रामविलास पासवान ने 1 जनवरी 2020 को लिखी चिट्ठी में राजनीतिक हालात पर चिंतन और चिराग पासवान की मेहनत की प्रशंसा करते हुए लिखा था ‘तुम लोगों के सहयोग से चिराग सांसद, राष्ट्रीय अध्यक्ष और सदन में नेता है। देश के बड़े लोगों में चिराग का स्थान है, 2013 में चिराग राजनीति में आया और कम वक्त में शिखर पर पहुंच गया।
रामविलास पासवान ने आगे चिट्ठी में लिखा ‘तुम दोनों ने पिछले कुछ सालों में काफी मेहनत की है, उसी का ये परिणाम है, लेकिन सौरभ मंजिल अभी दूर है, दो लक्ष्य हैं पहला बिहार और फिर देश।’ सौरभ पांडेय ने पत्र जारी करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, ‘जिसने मेहनत देखी है अब वो हैं नहीं , जिसने पार्टी को आगे बढ़ाने की ज़िद्द देखी है अब वो हैं नहीं। आइए हम सब चिराग के नेतृत्व में चलें। बता दें कि सौरभ पांडेय चिराग पासवान के करीबी दोस्त हैं और पार्टी की रणनीति बनाने में उनकी अहम भूमिका है।