गाजियाबाद, 15 मई 2025, गुरुवार: एक माँ की ममता और रेल पुलिस की तत्परता ने चार साल के मासूम हर्षित को अपहरणकर्ता के चंगुल से आजाद कराया। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर 12 मई को हुई इस दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर दिया था, लेकिन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) की संयुक्त टीम ने महज 48 घंटे में बच्चे को सुरक्षित बरामद कर अपहरणकर्ता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
माँ की गुहार, पुलिस की त्वरित कार्रवाई
12 मई को एक महिला ने थाना जीआरपी गाजियाबाद में शिकायत दर्ज कराई कि उसका चार साल का बेटा हर्षित रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म से अचानक गायब हो गया। उसने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने बच्चे को अगवा कर लिया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया और अपहरण के आरोप में धारा 137(2) और 304(2) बीएनएस के तहत मुकदमा (मु0अ0स0 202/2025) दर्ज किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आरपीएफ और जीआरपी ने एक विशेष संयुक्त टीम का गठन किया। इस टीम ने दिन-रात एक कर बच्चे की तलाश शुरू की। विभिन्न स्थानों पर छापेमारी और तकनीकी संसाधनों के सहारे पुलिस ने अपहरणकर्ता की लोकेशन ट्रेस की। आखिरकार, 14 मई को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास ही पुलिस ने अभियुक्त को धर दबोचा और मासूम हर्षित को सकुशल बरामद कर लिया।

अपहरणकर्ता की काली करतूत
गिरफ्तार अभियुक्त ने अपना नाम सलमान खान (24 वर्ष) बताया, जो बिहार के गया जिले के चाकन थाना क्षेत्र के शिमलापर गांव का निवासी है। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि उसकी नजर बच्चे की माँ पर 11 मई को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पड़ी थी। उसने देखा कि महिला अकेली है, और उसने बच्चे को बेचकर मोटी रकम कमाने का घिनौना प्लान बनाया।
12 मई को गाजियाबाद स्टेशन पर जब बच्चे की माँ वॉशरूम गई और हर्षित को सलमान के पास छोड़ गई, तो उसने मौके का फायदा उठाया। वह बच्चे को लेकर फरार हो गया और उसकी माँ का मोबाइल फोन भी चुरा लिया। सलमान ने बच्चे को बेचने की कोशिश शुरू की, लेकिन रेल पुलिस की मुस्तैदी ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
पुलिस की सराहना, माँ की आंखों में खुशी
हर्षित को उसकी माँ से मिलाने का पल बेहद भावुक था। माँ ने रेल पुलिस का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया, जिनकी त्वरित कार्रवाई ने उसके बेटे को नई जिंदगी दी। जीआरपी और आरपीएफ की इस संयुक्त कार्रवाई की हर तरफ सराहना हो रही है।
अपराधियों के लिए सबक
यह घटना समाज में छिपे उन अपराधियों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो मासूमों को निशाना बनाते हैं। रेल पुलिस ने न सिर्फ एक बच्चे की जिंदगी बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि कानून का डर हर अपराधी तक पहुंचेगा। सलमान खान को अब अदालत में अपने कुकर्मों का हिसाब देना होगा।