मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले यूपी के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता था। वो कहीं जाते थे तो रहने के लिए उन्हें कमरा नहीं मिलता था पर अब ये पहचान का संकट खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश की छवि में बदलाव किया है। प्रदेश तरक्की कर रहा है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। देश ही नहीं दुनिया के नक्शे पर यूपी को पहचान मिल रही है। अयोध्या में विदेशों से पर्यटक आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश की छवि में सबसे बड़ा परिवर्तन कानून व्यवस्था के सुदृढ़ होने से हुआ है। अब यहां निवेशक आ रहे हैं और बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए 31 हजार करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं। पहले अयोध्या की गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट होती थी। परिक्रमा करने पर रोक थी। अब भव्य अयोध्या बन रही है। पहले कर्फ्यू का सन्नाटा था अब मंगल भवन अमंगल हारी… का गान होता है। आज दुनिया भर से लोग अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या को दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी बनाने के लिए काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ पांच गांवों की मांग की थी पर वो नहीं दिया गया। देश का बहुसंख्यक समाज तो सिर्फ तीन स्थानों (अयोध्या, मथुरा और काशी) की मांग कर रहा था उसके लिए उसे गिड़गिड़ाना पड़ा। अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है। काशी और मथुरा को हम कैसे भूल सकते हैं। ये काम तो आजादी के बाद ही हो जाना चाहिए था पर वोट बैंक के लिए लोक आस्था के इन स्थानों से दूरी बनाकर रखी गई।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। इसके जरिये भारत के गौरव की पुर्नप्रतिष्ठा हुई है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि अयोध्या का पुराना गौरव वापस लौट आया है। हमें खुशी है कि हमने अपना वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया…। मुख्यमंत्री योगी बोले कि हम सिर्फ कहते नहीं हैं बल्कि करके दिखाते हैं।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। वहां के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। मंदिर का मामला तो न्यायालय में था तो क्या वहां सड़क और बिजली नहीं दी जा सकती थी। क्या सरयू के घाटों की सफाई नहीं की जा सकती थी लेकिन अयोध्या को कुत्सित मंशा के कारण अभिशप्त रखा गया।