मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दूसरे दिन शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेतृत्व, नीतियों और नेताओं को निशाने पर लेते हुए बिना नाम लिए अखिलेश पर हमला किया।
बोले, बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है। नेताजी की कर्मभूमि मैनपुरी के करहल में भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव के समर्थन में आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. मुलायम सिंह यादव को भी कष्ट हो रहा होगा कि उनका सपूत सपा को कांग्रेस के पास गिरवी रखकर पार्टी का सत्यानाश करने पर उतारू है।
एएमयू में आरक्षण पर सीएम योगी ने किया सवाल
अलीगढ़ के खैर में सुरेंद्र दिलेर व कानपुर के सीसामऊ में सुरेश अवस्थी के समर्थन में आयोजित सभा में विपक्ष से सवाल पूछा कि जब एएमयू में भारत का पैसा लगा है तो वहां पिछड़ी, अनुसूचित जाति व जनजाति को आरक्षण क्यों नहीं मिलता?
कहा कि कानपुर का दंगाई और रामपुर में जमीन कब्जाने वाला जेल में, लेकिन समाजवादी पार्टी इन्हें निर्दोष ही मानती है। सपा की टोपी लाल, लेकिन कारनामे काले हैं।करहल में नेताजी मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि में सीएम ने भावनात्मक अंदाज में अखिलेश यादव पर परोक्ष हमला किया।
बोले कि उनका आचरण अपने पिता की भावनाओं के विरुद्ध है। अखिलेश यादव की सपा कांग्रेस की गोदी में खेल रही है। कांग्रेस ने इमरजेंसी में नेताजी को बंद किया था। नेताजी हमेशा कांग्रेस का विरोध करते थे। वे कहते थे कि धोखे से भी इसके साथ नहीं रहना है, लेकिन सपा अब नेताजी के मूल्यों-आदर्शों से खुद को दूर कर चुकी है। कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है, जो जिंदगी भर उनके साथ जुड़ जाती है। बबुआ अभी बालिग नहीं हुआ है, इसलिए कभी-कभी ऐसा काम कर देता है, जिससे मैनपुरीवालों के सामने भी संकट खड़ा हो जाता है।
भाजपा ने करहल से अनुजेश यादव को बनाया उम्मीदवार
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने करहल में मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। अलीगढ़ के खैर में मुख्यमंत्री ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर छिड़ी कानूनी लड़ाई के बहाने सपा-कांग्रेस को घेरा। कहा, भारत का संविधान अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति को मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सुविधा देता है।
नौकरियों में और बच्चों के प्रवेश में भी यह सुविधा प्राप्त होनी चाहिए लेकिन एएमयू भारत के संसाधनों से पलने और जनता के टैक्स से चलने वाला ऐसा संस्थान है, जो पिछड़ी, अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगों को आरक्षण नहीं देता है, लेकिन मुसलमानों के लिए स्वयं के माध्यम से 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर रहे हैं।