मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मदरसों में पढ़ाई के स्थान पर जो अन्य गतिविधियां हो रही हैं उनका सर्वे किया जा रहा है। लेकिन, पुलिस को अब इस काम में तेजी लाने की जरूरत है। इसके अलावा बाहर से अवांछनीय जनसंख्या उत्तराखंड में आकर बस रही है।
यह चिंता का विषय है। इस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को सख्ती करनी होगी। ये बातें मुख्यमंत्री ने पुलिस मंथन सप्ताह में पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को कहा कि अपराध नियंत्रण और महिला सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा की जाए। ताकि, प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो सके। पुलिस मुख्यालय में पुलिस मंथन सप्ताह 25 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।
मंथन के पहले सत्र में पुलिस ने इस साल की उपलब्धियों और अभियान की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। साथ ही भविष्य की कार्ययोजना को भी बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस की इस पहल की सराहना की। उन्होंने पुलिस की फिटनेस और परसेप्शन मैनेजमेंट पर बल दिया। उन्होंने अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड को ड्रग फ्री बनाना है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए। महिला सुरक्षा प्राथमिकताराज्य सरकार की सरलीकरण की नीति के क्रम में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा गया है। इसके लिए गौरा शक्ति योजना को महिलाओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए डिजिटलाइज्ड किया गया है। इसके तहत 45,216 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन गौरा शक्ति एप पर हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला पुलिसकर्मी संपर्क में रहकर तत्काल मदद कर उनकी शिकायत का समाधान करें। अगले साल होंगी एक हजार भर्ती पुलिस विभाग में अगले साल एक हजार कांस्टेबलों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में 1500 से ज्यादा कांस्टेबलों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक व्यवस्था के तौर पर पीआरडी जवान पुलिस को सहयोग करेंगे। उनकी ड्यूटी पुलिस अपने हिसाब से लगाएगी। ताकि, पुलिस के काम में कोई दिक्कत न आने पाए।जघन्य अपराधों की पैरवी के लिए हों अलग से अधिवक्ता मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जघन्य अपराधों के मुकदमों की मजबूती से पैरवी की जानी चाहिए। इसके लिए अलग से अभियोजन अधिकारी की नियुक्ति की जाए। ताकि, सजा का प्रतिशत बढाया जाए। इसके अलावा आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। अधीनस्थों के साथ सम्मान से पेश आएं वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थों से सम्मान के साथ पेश आएं। ताकि, वे बेहतर प्रदर्शन करें। ऐसे में वे अपने आप को सम्मानित महसूस करते हुए और दृढ़ इच्छा शक्ति से काम करेंगे।