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“ प्रदेश के सभी 1585 थानों, 75 पुलिस लाइंस, 90 से अधिक जेलों में मनाया जा रहा है जन्माष्टमी का त्योहार
मोक्ष ग्रंथ है श्रीमद्भगवतगीता, न्यायपालिका भी इसके प्रति उतनी ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना सनातन धर्मावलंबीः योगी
कानून व्यवस्था का मॉडल है यूपी पुलिस- सीएम योगी “
लखनऊ, 26 अगस्तः
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव ,जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइंस में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए । इस दौरान अपने भाषण में योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश पुलिस की जम कर तारीफ़ की ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “उत्तर प्रदेश पुलिस बल ने हानि-लाभ की चिंता के बिना कर्म को प्रधान माना। जिस पुलिस और प्रदेश को सबसे फिसड्डी मान लिया गया था। आज वह देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। कानून व्यवस्था का मॉडल प्रस्तुत कर रहा है। अब प्रदेश में हर ओर सुख, शांति व सद्भावना है। प्रदेश के सभी 1585 थानों, 75 पुलिस लाइंस, 90 से अधिक जेलों में भव्यता से यह आयोजन हो रहा है, लेकिन 10 साल पहले यह संभव नहीं था। सरकारें डरती थीं कि आयोजन करेंगे तो पता नहीं क्या नफ़ा या नुक़सान होगा ? “इस मौक़े पर योगी आदित्यनाथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद उठाते दिखे ।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए योगीआदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता में भगवान श्रीकृष्ण भी अर्जुन से यहीकहते हैं कि कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन… हे अर्जुन, तुम कर्म करो, फल की चिंता मत करो। उन्होंने कहा कि हम अक्सर कर्म से पहले लाभ-हानि की चिंता करते हैं। ऐसा करने से हम उसके पुण्य से वंचित हो जाते हैं। अच्छा करेंगे तो अच्छा होगा, बुरा करेंगे तो पाप से कोई मुक्त नहीं कर सकता। लोककल्याण का कार्य किया है तो उसके पुण्य से कोई ताकत वंचित नहीं कर सकती। कर्म की प्रेरणा महत्वपूर्ण है।
सीएम योगी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण श्री हरि विष्णु के पूर्व अवतार के रूप में जाने जाते हैं। यह वर्ष भारत के शास्त्रों की मान्यता के अनुसार लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का है। उनकी लीलाओं का क्रम जन्म से ही प्रारंभ हुआ। इस धराधाम पर 125 वर्ष 8 महीने व्यतीत करने के बाद अपनी लीला को उन्होंने विश्राम दिया। अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से लंबे समय तक उनकी लीलाओं को हम लोग प्रमाण के रूप में प्रयोग करते हैं। सीएम योगी ने कहा कि श्रीमद्भगवतगीता दुनिया का एकमात्र ऐसा पावन ग्रंथ है, जिसका अमर ज्ञान उन्होंने युद्ध भूमि में अर्जुन को दिया। घर-घर में ग्रंथ के रूप में श्रीमद्भगवतगीता की हम लोग पूजा करते हैं । भारत की न्यायपालिका भी उस ग्रंथ के प्रति उतनी ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना सनातन धर्मावलंबी रखते है।
सीएम योगी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में चार महत्वपूर्ण पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) हैं। आधारशिला धर्म से प्रारंभ होती है। वह कर्मों के माध्यम से अर्थ का उपार्जन करता है। जब कामनाओं की सिद्धि में उसका उपभोग करता है तो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह सामान्य मान्यता है, लेकिन श्रीमद्भगवतगीता के महत्वपूर्ण उपदेश आज भी हर भारतवासी को नई प्रेरणा प्रदान करते हैं।
इन सब के बीच योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये आजादी के अमृत काल है रिज़वाननी 2047 की जो पीढी़ होगी, उसे हम विकसित भारत देंगे। जहां हर चेहरे पर खुशहाली होगी, हर हाथ को काम और हर खेत को पानी होगा। 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएम मोदी ने पंच प्रण की बात कही। पंचप्रण में सबसे महत्वपूर्ण प्रण नागरिक कर्तव्य है।