मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रोहिणी सेक्टर 18 में एक और बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को दिल्लीवासियों को समर्पित किया। इसके साथ ही दिल्ली में अब एक्सीलेंस स्कूलों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। यह स्कूल देश के बेहतरीन स्कूलों में से एक है। 14 अप्रैल से इस स्कूल में पढ़ाई के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर डीपीएस, गोयनका जैसे नामी प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर है। एक जमाना था जब गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे, तो उनमें हीन भावना होती थी। अब गर्व के साथ दिल्ली के बच्चे कहते हैं कि सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। दिल्ली सरकार का एक नए किस्म का प्रयोग था जो सफल रहा। स्पेशल विषय की तैयारी इस स्कूल के बच्चे 9वीं कक्षा से ही करते हैं।
बच्चे साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग व मैथमेटिक्स (स्टेम) की पढ़ाई के साथ 21वीं सदी की स्किल्स की विशेषज्ञता हासिल करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस तरह के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए लगभग 4400 सीटों पर प्रवेश पाने के लिए 92 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया हैं। इतनी लंबी लाइन तो कई नामी प्राइवेट स्कूलों के लिए भी नहीं लगती है, जितनी दिल्ली सरकार के स्पेशलाइज सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए लग रही है।