नई दिल्ली, 25 मई 2025, रविवार। देश के चीफ इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक ऐतिहासिक फतवा जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में मारे गए किसी भी आतंकवादी के जनाजे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी और न ही उसे भारत की पवित्र जमीन पर दफनाया जाएगा। यह फतवा आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और कठोर नीति को दर्शाता है।
आतंकी संगठनों को चेतावनी: इस्लाम का नाम हटाएं
डॉ. इलियासी ने आतंकी संगठनों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि वे अपने नाम से ‘इस्लाम’ और ‘मोहम्मद’ जैसे पवित्र शब्दों को तुरंत हटाएं। उन्होंने कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवादी शैतान हैं, और उनके साथ वैसा ही व्यवहार होना चाहिए।” यह बयान आतंकवाद को धर्म से जोड़ने की कोशिशों पर करारा प्रहार है।
लव जिहाद पर सख्त टिप्पणी
लव जिहाद के बढ़ते मामलों, खासकर मध्य प्रदेश में, पर चीफ इमाम ने कहा कि शादी जैसे पवित्र बंधन को समाज में बरकत लाना चाहिए, न कि फसाद। “जिहाद शब्द ही नापाक है। नाम और पहचान छुपाकर किए गए कार्य समाज को तोड़ते हैं। हमें ऐसे कृत्यों से बचना चाहिए।” उन्होंने जोर दिया कि समाज में अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों से ज्यादा हैं, और हमें सौहार्द बनाए रखना चाहिए।
बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन
बलूचिस्तान की आजादी की मांग पर बोलते हुए डॉ. इलियासी ने कहा कि मुस्लिम समाज भारत की कूटनीति और नीतियों के साथ है। उन्होंने पाकिस्तान पर बलूचिस्तान के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा, “आजादी हर किसी का हक है। बलूचिस्तान को आजाद होना चाहिए।” यह बयान भारत की मजबूत विदेश नीति और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
शंकराचार्य के बयान का जवाब
शंकराचार्य द्वारा इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ने वाले बयान पर चीफ इमाम ने दो टूक कहा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं। आतंकवादी शैतान हैं, और हमें उनके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।” यह बयान धार्मिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
जनसंख्या नियंत्रण और वक्फ कानून पर रुख
जनसंख्या नियंत्रण कानून को राष्ट्रीय हित का मुद्दा बताते हुए डॉ. इलियासी ने कहा कि देशहित में लिए गए फैसलों पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। वक्फ कानून पर उन्होंने कहा कि नया कानून बेहतर है, हालांकि मामला अभी विचाराधीन है।
भारत-पाक तनाव और विपक्ष पर निशाना
भारत-पाक तनाव पर राहुल गांधी के सवालों पर चीफ इमाम ने कहा, “मैं किसी भी ऐसे बयान का समर्थन नहीं करूंगा जो देश की नीतियों के खिलाफ हो।” उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से सत्ता में आई मोदी सरकार ने कई सही काम किए हैं, जिनका समर्थन होना चाहिए। “आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुटता जरूरी है, न कि सवाल खड़े करना।”
सोशल मीडिया और एकजुटता की अपील
सोशल मीडिया पर आतंकवाद को लेकर अलग-अलग मतों पर चीफ इमाम ने जोर दिया कि आतंकवाद से मुकाबला तभी संभव है जब हम एकजुट रहें। उनका यह फतवा न केवल आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश देता है, बल्कि देश में धार्मिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फतवा आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है और समाज को एकजुट होकर इस बुराई से लड़ने का आह्वान करता है।