नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2024, मंगलवार। चुनावों के दौरान एग्जिट पोल और फर्जी ट्रेंड दिखाने वाले मीडिया चैनलों को चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने एग्जिट पोल के द्वारा उत्पन्न हो रही “बड़ी गड़बड़ी” को लेकर गहरी चिंता जताई और कहा कि इस पर मीडिया और विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को आत्मचिंतन की जरूरत है। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, जहां महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की गई, CEC ने एग्जिट पोल्स और शुरुआती गिनती के ट्रेंड्स को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सब ठीक नहीं है और इसे लेकर कुछ करने की जरूरत है। इलेक्शन कमिश्नर ने नतीजों वाले दिन सुबह 8 बजे से ही चुनावी रुझान दिखाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, जब काउंटिंग का समय शुरू होता है तो 8.05 बजे और 8.10 बजे से रिजल्ट आना शुरू हो जाता है जो नॉनसेंस है। मेरी पहली काउंटिंग 8.30 बजे शुरू होती है। हमारे पास प्रमाण है इस बार कि 8.05 बजे, 8.10 बजे, 8.15 बजे आने लगा कि इतने की लीड, इतने की लीड, इतने की लीड। ऐसा तो नहीं है, हम सिर्फ पूछ रहे हैं, एग्जिट पोल को सही ठहराने के लिए वो शुरू में ट्रेंड्स आ गए। कि हमने तो ऐसा कहा था, वैसा ही ट्रेंड हो रहा है। बाद में जो होगा, वो होगा।
चुनाव आयुक्त ने कहा, पहला रिजल्ट, एक राउंड का, 8.30 बजे जब गिनती शुरू हो रही है, 9 बजने में 10 मिनट, 9 बजने में 5 मिनट से पहले आ ही नहीं सकता। 30 मिनट भी लगेंगे एक राउंड में तो आ ही नहीं सकता। हम उसको 9.30 बजे वेबसाइट पर डालते हैं। फिर 11.30 बजे डालते हैं। फिर 1.30 बजे डालते हैं। हो सकता है कि आपके संवाददाता वहां मौजूद होंगे तो पहले बता दिया। रिजल्ट स्क्रीन पर दिखाना पड़ता है। एजेंट के साइन लेने पड़ते हैं। लेकिन 9 बजे से पहले कैसे आता है। 8.45 बजे तक जो लीड दिखा दिया जाता है उससे अपेक्षा पैदा हो जाती है और जब असली रिजल्ट आता है तो मिसमैच हो जाता है। इससे कभी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।
इसके अलावा एग्जिट पोल्स पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार भी हमने देखा और कई बार ऐसा हुआ है कि एग्जिट पोल्स कुछ बताते हैं और नतीजा उससे अलग होता है। इसलिए यह सोचने की बात है कि आखिर एग्जिट पोल्स को करने का तरीका क्या होता है और उनका सैंपल साइज क्या होता है। यह सभी चीजें सोचने की बात है। यही नहीं इस दौरान उन्होंने अकसर चुनाव नतीजों वाले दिन टीवी चैनलों और अन्य मीडिया की ओर से सुबह से ही दिखाए जाने वाले रुझानों पर भी सवाल उठाया।