आज यानी 20 नवंबर को छठ पूजा का आखिरी दिन है। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन प्रातः काल उगते सूर्य को जल दिया जाता है। इसी के साथ छठ पर्व का समापन होता है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। छठ का पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। इस समय व्रती विधि-विधान से पूजा के बाद सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं।
उषा अर्घ्य की विधिइस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अपना चेहरा पूर्व दिशा की ओर ही रखें।
अर्घ्य देने के लिए हमेशा तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें।
सूर्य देव को जल चढ़ाते देते समय जल के पात्र को हमेशा दोनों हाथों से पकड़े।
सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी की धार पर पड़ रही किरणों को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
अर्घ्य देते समय पात्र में अक्षत और लाल रंग का फूल जरूर डालें।