देहरादून, 8 अप्रैल 2025, मंगलवार। उत्तराखंड की पवित्र भूमि पर हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम के दर्शन के लिए आते हैं, और इस बार उनकी सुरक्षा व सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमर कस ली है। देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में “संगीतमय सुंदरकांड पाठ” के दौरान सीएम धामी ने श्रद्धालुओं के बीच यह दृढ़ संकल्प दोहराया कि राज्य सरकार हर तीर्थयात्री को चारों धामों—केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—के दर्शन का सौभाग्य देगी। इसके लिए सरकार की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और खुद मुख्यमंत्री तीसरी बार चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं।

तैयारियों का जायजा: हर चुनौती से पार
सीएम धामी ने बताया कि यात्रा की शुरुआत में कुछ मुश्किलें आती हैं, लेकिन परिवहन, पुलिस और संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि व्यवस्थाएँ पुख्ता हों। पिछले साल की चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “2024 में केदार घाटी में एक बड़ी आपदा आई। 29 जगहों पर सड़कें और पुल टूट गए, लेकिन सरकार की तत्परता से सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहे। 35 दिनों तक युद्धस्तर पर काम कर हमने यात्रा को फिर शुरू किया, जिसकी देश-दुनिया ने तारीफ की।” इस बार भी तैयारियाँ पिछले साल की समाप्ति के साथ ही शुरू हो गई थीं, और अब तक 25 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।

केदारनाथ का कायाकल्प: पीएम मोदी का योगदान
मुख्यमंत्री ने 2013 की भीषण आपदा का जिक्र किया, जब केदारनाथ धाम पूरी तरह तबाह हो गया था। उन्होंने कहा, “2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों से केदारनाथ का पुनर्निर्माण हुआ। आज यह धाम भव्य और दिव्य रूप में खड़ा है।” पीएम की प्रेरणा से इस साल शीतकालीन चारधाम यात्रा भी शुरू की गई है, जिससे अब साल के 12 महीने तीर्थयात्रा संभव होगी। यह कदम न सिर्फ राज्य की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी नई जान फूंकेगा।

श्रद्धालुओं का उत्साह, सरकार का जोश
टपकेश्वर महादेव मंदिर में भारी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सीएम धामी का उत्साह साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, “हम इस साल की चारधाम यात्रा के लिए बेहद उत्साहित हैं। हमारा लक्ष्य हर श्रद्धालु को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव देना है।” मंदिर परिसर में उत्तराखंड सेवा समिति द्वारा आयोजित इस संगीतमय सुंदरकांड पाठ ने यात्रा की सफलता और मंगलमय शुरुआत की कामना को और गहरा कर दिया।

एक नई शुरुआत
कार्यक्रम में टपकेश्वर महादेव मंदिर समिति, उत्तराखंड सेवा समिति के पदाधिकारी, साधु-संत और श्रद्धालु शामिल हुए। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि देवभूमि की उस भावना का प्रतीक था, जो हर आने वाले को सम्मान और आस्था के साथ विदा करना चाहती है। सीएम धामी का संदेश साफ है—चारधाम यात्रा अब सिर्फ एक मौसम की बात नहीं, बल्कि साल भर चलने वाली आध्यात्मिक और आर्थिक यात्रा है। उत्तराखंड इसके लिए तैयार है, और श्रद्धालुओं का स्वागत करने को बेताब है।