नई दिल्ली, 30 मार्च 2025, रविवार। श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी! 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा इस बार ऐतिहासिक होने जा रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों भक्तों का उत्साह चरम पर है, और अब तक दस लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। लेकिन इस बार यात्रा में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, जो इसे और खास बनाएंगे। पैसे देकर वीआईपी दर्शन की सुविधा बंद हो रही है, और रील्स बनाने वाले यू-ट्यूबर्स के लिए मंदिर परिसर में नो-एंट्री का सख्त नियम लागू होगा। तो तैयार हो जाइए एक अनोखी और अनुशासित तीर्थयात्रा के लिए!
रील्स बनाने वालों पर सख्ती, शांति रहेगी बरकरार
केदारनाथ और बद्रीनाथ पंडा समाज ने इस बार साफ ऐलान कर दिया है कि मंदिर परिसर में सोशल मीडिया रील्स बनाने की इजाजत नहीं होगी। पिछले साल रील्स की होड़ में ढोल-नगाड़ों के शोर और अव्यवस्था ने चारधाम की शांति को भंग कर दिया था। 12,000 फीट की ऊंचाई पर बसे केदारनाथ धाम में कई दिनों तक शिवालिक पर्वतमाला शोर से गूंजती रही, जो प्रकृति और आस्था दोनों के लिए ठीक नहीं था। इस बार ऐसा न हो, इसलिए कैमरे ऑन करने की भी मनाही होगी। अगर कोई रील बनाते पकड़ा गया, तो उसे बिना दर्शन के वापस लौटा दिया जाएगा। प्रशासन को भी इस फैसले की जानकारी दे दी गई है।
वीआईपी दर्शन खत्म, सबके लिए एक समान व्यवस्था
चारधाम यात्रा में इस बार एक और बड़ा बदलाव है। अब तक पैसे देकर मिलने वाली वीआईपी दर्शन की सुविधा को सभी धामों में बंद कर दिया गया है। बद्रीनाथ धाम की पंडा पंचायत का कहना है कि भगवान के दर्शन में पैसे की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। यह कदम भगवान की मर्यादा और श्रद्धालुओं की समानता को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
कब खुलेंगे चारधाम के कपाट?
चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से मां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होगी। इसके बाद 2 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट खुलेंगे, और अंत में 4 मई को विधि-विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। इसके साथ ही यह पवित्र यात्रा पूरे जोश के साथ शुरू हो जाएगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए 10 होल्डिंग एरिया
इस बार यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। खराब मौसम या मुश्किल हालात में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए 10 होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे। ये हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्यासी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, हरबटपुर, विकासनगर, बड़कोट और भटवाड़ी में होंगे। इन जगहों पर होटल जैसी सुविधाएं, पानी, शौचालय, बिस्तर, दवाइयां और खाने की आपात व्यवस्था उपलब्ध होगी। पूरे यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा गया है, जहां हर सेक्टर में 6 पुलिसकर्मी बाइक पर तैनात रहेंगे ताकि किसी भी परेशानी में तुरंत मदद पहुंच सके।
कितने श्रद्धालु पहुंचेंगे?
अब तक दस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। सबसे ज्यादा उत्साह केदारनाथ धाम के लिए है, जहां पौने तीन लाख लोग दर्शन के लिए पहुंचेंगे। बद्रीनाथ के लिए 2.24 लाख, गंगोत्री के लिए 1.38 लाख, यमुनोत्री के लिए 1.34 लाख और हेमकुंड साहिब के लिए 8 हजार श्रद्धालु पंजीकृत हुए हैं। यात्रा शुरू होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू होगी। पर्यटन विकास परिषद ने इसके लिए वेबसाइट, मोबाइल नंबर, वॉट्सएप और टोल-फ्री नंबर की व्यवस्था की है, जिसके जरिए आप आसानी से पंजीकरण कर सकेंगे।
आस्था और अनुशासन का संगम
इस बार की चारधाम यात्रा न सिर्फ आस्था का उत्सव होगी, बल्कि अनुशासन और प्रकृति के प्रति सम्मान का भी प्रतीक बनेगी। तो अगर आप भी इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो तैयार रहें नए नियमों के साथ एक यादगार अनुभव के लिए। चारधाम की पुकार सुनाई दे रही है, क्या आप तैयार हैं?