देहरादून, 27 मार्च 2025, गुरुवार। उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र होती है, 2025 में एक नए जोश और बेहतर तैयारियों के साथ शुरू होने जा रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलते ही इस यात्रा का शुभारंभ होगा, जबकि केदारनाथ धाम 2 मई और बद्रीनाथ धाम 4 मई को अपने द्वार खोलेगा। इस बार राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिससे यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक, बल्कि शारीरिक रूप से भी सुरक्षित और सुखद बन सके।
स्वास्थ्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में चारधाम यात्रा 2025 को यादगार बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया, “हमारा लक्ष्य हर तीर्थयात्री को सुरक्षित और स्वस्थ रखना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों की कठिन जलवायु और चुनौतीपूर्ण रास्तों को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है।” इसके लिए 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है, ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अपनी यात्रा की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें।
यात्रियों की सेहत सबसे पहले
इस बार यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल बिछाया जा रहा है। स्क्रीनिंग प्वाइंट, आपातकालीन सेवाएं, हेलीपैड और मेडिकल रिलीफ पोस्ट हर कदम पर तीर्थयात्रियों की मदद के लिए तैयार होंगे। डॉक्टरों, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाओं की पूरी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा, “हम चाहते हैं कि कोई भी यात्री स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान न हो। इसके लिए सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से आग्रह किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में यात्रियों को स्वास्थ्य जांच और जागरूकता के लिए प्रेरित करें।”
तीर्थयात्रियों के लिए खास सलाह
यात्रा को सुखद और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं:
- यात्रा से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य जांच कराएं और कम से कम दो महीने पहले से पैदल चलने और प्राणायाम की आदत डालें।
- अपनी दवाइयां, गर्म कपड़े, दस्ताने और ऊनी सामग्री साथ रखें।
- स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण ऐप पर रजिस्ट्रेशन करें।
- पर्याप्त पानी, संतुलित भोजन और गर्म पेय का सेवन करें।
- रास्ते में स्क्रीनिंग केंद्रों और चिकित्सा राहत पोस्ट का लाभ उठाएं।
चिकित्सा विशेषज्ञों की सेवा का आह्वान
स्वास्थ्य सचिव ने एक अनूठी पहल की बात की, जिसमें सभी राज्यों से चिकित्सा विशेषज्ञों- जैसे हृदय रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ और सर्जन- को कम से कम 15 दिनों के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वैच्छिक सेवा के लिए आमंत्रित किया गया है। यह कदम न केवल यात्रियों को बेहतर इलाज देगा, बल्कि डॉक्टरों को मानव सेवा का अनमोल अवसर भी प्रदान करेगा।
जागरूकता के लिए व्यापक अभियान
राज्य सरकार ने “क्या करें, क्या न करें” की स्वास्थ्य सामग्री तैयार की है, जिसे सभी राज्यों में भेजा गया है। साथ ही, यात्रा मार्ग के जिलाधिकारियों को इसे स्थानीय स्तर पर बांटने के निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि हर यात्री स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक होकर यात्रा शुरू करे।
स्क्रीनिंग और राहत के लिए खास इंतजाम
यात्रा मार्ग पर स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल सहित 28 मापदंडों की जांच होगी। ये प्वाइंट रजिस्ट्रेशन केंद्रों से जुड़े होंगे, ताकि यात्रा शुरू करने से पहले हर यात्री की सेहत का पूरा आकलन हो सके। मेडिकल रिलीफ पोस्ट की संख्या बढ़ाई गई है, जहां प्रशिक्षित स्टाफ और स्वास्थ्य मित्र तैनात रहेंगे।
हेल्थ एटीएम और टेलीमेडिसिन का तोहफा
यात्रियों की सहूलियत के लिए मार्ग पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे, जहां ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल और शरीर के तापमान की जांच मुफ्त होगी। इसके अलावा, टेलीमेडिसिन के जरिए 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह लेने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
केदारनाथ पर विशेष फोकस
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर स्वास्थ्य चुनौतियां सबसे ज्यादा होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे, जहां मुफ्त स्क्रीनिंग होगी।
यात्रियों के लिए सुनहरा संदेश
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “यात्रा से पहले तैयारी करें, रास्ते में आराम करें और अपनी सेहत का ख्याल रखें। गर्म कपड़े, रेनकोट, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी दवाएं साथ रखें। किसी भी परेशानी में नजदीकी राहत पोस्ट पर पहुंचें।” चारधाम यात्रा 2025 न सिर्फ आस्था का उत्सव होगी, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामले में भी एक मिसाल कायम करेगी। उत्तराखंड सरकार का यह प्रयास हर श्रद्धालु के लिए एक सौगात है, जो उनकी यात्रा को यादगार और सुरक्षित बनाएगा।