चंदौली, 30 जुलाई 2025। डीडीयू नगर तहसील के हरिशंकरपुर गांव में ग्रामसभा की बंजर भूमि पर अवैध कब्जे की कोशिश ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने राजस्व विभाग के लेखपाल, कानूनगो और मुगलसराय कोतवाली पुलिस पर एक बाहरी व्यक्ति को कब्जा दिलाने की साजिश रचने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इस मामले ने जिले में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक मिलीभगत की पोल खोल दी है।
20 बिस्वा बंजर भूमि पर कब्जे की कोशिश
जानकारी के अनुसार, गांव के रकबा संख्या 250 में ग्रामसभा की 20 बिस्वा बंजर भूमि दर्ज है, जिसके एक हिस्से पर सरकार ने ओपन जिम बनवाया है। शेष भूमि पर अब एक पक्ष विशेष को कब्जा दिलाने की कोशिश का ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया। ग्रामीण रामअवतार यादव और श्यामलाल ने बताया कि शनिवार को लेखपाल बीरेंद्र राम, कानूनगो वसीम खां और पुलिसकर्मियों के साथ कुछ लोग ईंटों से लदे ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर पहुंचे। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि अगर केवल पैमाइश थी, तो जेसीबी और निर्माण सामग्री की क्या जरूरत थी?
DM के हस्तक्षेप से टली साजिश
आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्काल जिलाधिकारी को फोन कर घटना की जानकारी दी। DM के निर्देश पर राजस्व टीम और पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना राजस्व और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करती है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रमेश सिंह ने आरोप लगाया कि लेखपाल और कानूनगो पहले भी संदिग्ध भूमि मामलों में कब्जे की साजिश रचते रहे हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल, जांच के आदेश
इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या ग्रामसभा की जमीनें अब सरकारी संरक्षण में निजी हाथों में सौंप दी जाएंगी? उप जिलाधिकारी ने बताया कि एक शिकायत के आधार पर पैमाइश के लिए टीम भेजी गई थी। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।
ग्रामीणों की मांग: निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस साजिश की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, ग्रामसभा की भूमि को कब्जे से मुक्त रखकर सार्वजनिक हितों की रक्षा की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में ढिलाई बरती, तो वे व्यापक आंदोलन करेंगे।