नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2025, बुधवार। कांग्रेस के दिग्गज नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुजरात के अरावली जिले के मोडासा में कार्यकर्ताओं के बीच जोश भरा और एक नई शुरुआत का आह्वान किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर देश में बीजेपी और आरएसएस को हराना है, तो उसका रास्ता गुजरात से होकर जाता है। यह सिर्फ राजनीतिक जंग नहीं, बल्कि विचारधाराओं की लड़ाई है, और इस लड़ाई में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी ताकत है जो बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
रेस का घोड़ा अलग, बारात का घोड़ा अलग
राहुल गांधी ने अपने अनोखे अंदाज में कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए कहा, “तीन तरह के घोड़े होते हैं: बारात का घोड़ा, जो सिर्फ नाचता है; रेस का घोड़ा, जो दौड़ता है और जीतता है; और लंगड़ा घोड़ा, जो कहीं नहीं जाता।” उनका इशारा साफ था—कांग्रेस को रेस का घोड़ा बनाना है, जो बीजेपी को पछाड़ दे। उन्होंने गुजरात को कांग्रेस का गढ़ बताते हुए कहा कि यहीं से महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे दिग्गज निकले, और अब वक्त है गुजरात को फिर से जगाने का।
पार्टी में भीतरघात की चेतावनी
राहुल ने पार्टी के भीतर मौजूद चुनौतियों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “हमारे कुछ लोग बीजेपी से मिले हुए हैं। ऐसे लोगों को पहचानकर, प्यार से पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना होगा।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की भागीदारी पर जोर दिया और कहा कि जिले की राजनीति को अहमदाबाद से नहीं, बल्कि जिले से ही चलाया जाएगा।
जिला अध्यक्ष को सशक्त करने का वादा
राहुल ने जिला अध्यक्षों को और ताकत देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “जिला अध्यक्ष समझौतावादी नहीं होगा। वह जिले के फैसले लेगा, और संगठन उसके नेतृत्व में चलेगा।” उनका फोकस साफ था—स्थानीय नेताओं को मजबूत करना और नई पीढ़ी को कांग्रेस से जोड़ना। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो लोग चुनाव जीतने के बाद संगठन को भूल जाते हैं, उन्हें जवाबदेह बनाना होगा।
गुजरात: कांग्रेस का पायलट प्रोजेक्ट
राहुल ने गुजरात को कांग्रेस के लिए सबसे अहम राज्य करार देते हुए इसे एक पायलट प्रोजेक्ट बताया। उनका मकसद है बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेताओं को आगे लाना और जनता से जुड़े चेहरों को मौका देना। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे नई ऊर्जा के साथ संगठन को मजबूत करें और गुजरात से देश को यह संदेश दें कि कांग्रेस वापसी के लिए तैयार है।
राहुल गांधी का यह दौरा और उनका जोशीला संबोधन गुजरात में कांग्रेस को नई जान फूंकने की कोशिश है। क्या यह रणनीति बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब होगी? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन राहुल का यह बयान कि “रेस का घोड़ा दौड़ेगा” निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है।