अयोध्या, 30 मार्च 2025, रविवार। रामनगरी अयोध्या में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धा और उत्साह का ऐसा संगम देखने को मिला, मानो आस्था का सैलाब सारी सीमाएं तोड़कर बह निकला हो। माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुए इस पावन पर्व पर भोर से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। “जय माता दी” के जयकारों से गूंजती रामनगरी में हर ओर भक्ति की अनुपम छटा बिखर रही थी। भगवान राम की कुलदेवी बड़ी देवकाली और माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा, तो वहीं रामलला और हनुमानगढ़ी में भी देर रात तक दर्शन-पूजन का सिलसिला जारी रहा।
भक्ति में डूबी रामनगरी
नवरात्रि के पहले दिन अयोध्या का हर कोना माता के भजनों और मंत्रोच्चार से सराबोर हो उठा। भक्तों ने घर-घर कलश स्थापना कर माता को विराजमान किया और नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत की। बड़ी देवकाली मंदिर में जहां भगवान राम की कुलदेवी के दर्शन के लिए घंटों की प्रतीक्षा कर श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा अर्पित की, वहीं छोटी देवकाली मंदिर में माता सीता की कुलदेवी के प्रति आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। फूलों, प्रसाद और प्रेम से सजे मंदिरों में भक्तों ने माता के चरणों में अपनी मनोकामनाएं रखीं। कई श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर माता की विशेष पूजा-अर्चना की, तो कुछ ने सरयू मैया के तट पर उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर नवसंवत्सर 2082 की मंगलकामनाएं मांगीं।
मंदिरों को फूलों की मालाओं और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था, जिसने अयोध्या की सुंदरता को और निखार दिया। नवसंवत्सर के इस शुभ अवसर पर हर ओर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान होता रहा। भक्ति और उत्सव का यह माहौल ऐसा था कि रामनगरी मानो स्वर्ग का एक टुकड़ा बन गई हो।
रामलला और हनुमानगढ़ी में भी भीड़
देवी मंदिरों में पूजन के बाद भक्तों का रुख राम मंदिर और हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ा। रविवार होने के कारण जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। देर शाम तक लता चौक और राम की पैड़ी पर भी रौनक छाई रही। राम मंदिर में पहली रामनवमी की तैयारियों के बीच भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। हनुमानगढ़ी में बजरंगबली के दर्शन के लिए भी लंबी कतारें लगी रहीं, और भक्तों ने अपने आराध्य को प्रसाद चढ़ाकर आशीर्वाद मांगा।
सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
नवरात्रि के साथ ही रामनवमी का पर्व नजदीक होने के कारण योगी सरकार ने अयोध्या में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी। मंदिरों के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया, जिसमें महिला पुलिस कर्मियों की विशेष भूमिका रही। यह कदम खास तौर पर महिला श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेडिंग और कतार प्रबंधन की मजबूत व्यवस्था की गई। गुप्तारघाट की मरी माता, कैंट की पाटेश्वरी माता और मकबरा की शीतला माता मंदिरों में भी देर शाम तक भक्तों का जमावड़ा रहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि नवरात्रि और रामनवमी के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। स्वच्छता, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। एसएसपी राजकरण नय्यर ने बताया कि नवमी पर भारी भीड़ का अनुमान है, जिसके लिए सुरक्षा मानकों को और सुदृढ़ किया गया है।
अयोध्या का नया रंग
इस बार राम मंदिर में पहली रामनवमी का उत्साह अयोध्या को नए रंग में रंग रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नवरात्रि और रामनवमी का यह संयोग रामनगरी के लिए ऐतिहासिक है। प्रशासन का अनुमान है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी। भक्तों का यह उत्साह न केवल अयोध्या की आध्यात्मिकता को दर्शाता है, बल्कि इसे विश्व पटल पर एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में स्थापित कर रहा है।
भक्ति का अनुपम उत्सव
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अयोध्या ने साबित कर दिया कि यह न केवल राम की नगरी है, बल्कि माता की भक्ति का भी अनुपम केंद्र है। मंदिरों में गूंजते जयकारे, सरयू के तट पर अर्घ्य देता सूर्य और भक्तों की आंखों में चमकती आस्था—यह सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर बना रहा था, जो आने वाले दिनों में और भव्य होने का वादा करती है। रामनगरी अब नवरात्रि और रामनवमी के इस दोहरे उत्सव के साथ नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है।