वाराणसी, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। वाराणसी के चितईपुर में एक सनसनीखेज चेन स्नेचिंग की घटना ने न केवल क्षेत्रीय बीजेपी पार्षदों को आक्रोशित किया, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए। घटना के 24 घंटे बीत जाने के बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज भाजपा के करीब आठ पार्षदों ने स्थानीय चितईपुर थाने पर धरना शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन उस समय और तेज हो गया, जब बीजेपी नेता दीपक सिंह राजवीर ने अपनी ही सरकार की पुलिस व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए अपराधियों के बढ़ते हौसले पर चिंता जताई।
पार्षद के घर के सामने दुस्साहस
सोमवार सुबह चितईपुर थाना क्षेत्र के ब्रज भूषण शर्मा की पत्नी ब्रजबाला देवी के साथ हुई इस घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया। बाइक सवार बदमाशों ने ब्रजबाला के गले से सोने की चेन छीन ली और उन्हें धक्का देकर फरार हो गए। छीनाझपटी में ब्रजबाला सड़क पर गिरकर घायल हो गईं। इस घटना ने न केवल अपराधियों के बेखौफ रवैये को उजागर किया, बल्कि स्थानीय पुलिस की लचर व्यवस्था को भी सामने ला दिया।
पुलिस पर बरसे पार्षद, मेयर भी पहुंचे
धरने के दौरान बृजबाला देवी के भतीजे करौंदी वार्ड पार्षद श्यामभूषण शर्मा ने पुलिस की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब जनप्रतिनिधि के घर के सामने ही उनके परिवार के साथ ऐसी घटना हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा? यह अपराधियों के बढ़ते मनोबल का सबूत है।” उन्होंने बीट चौकी प्रभारी के निलंबन और थाने में लंबे समय से जमे पुलिसकर्मियों के तबादले की मांग की। धरने की खबर मिलते ही मेयर अशोक तिवारी भी थाने पहुंचे और एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
एडीसीपी का आश्वासन, धरना समाप्त
प्रदर्शन के दौरान बढ़ती भीड़ और नेताओं के आक्रोश को देखते हुए एडीसीपी सरवणन टी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। साथ ही, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई का वादा किया। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस धरने के बाद पार्षदों ने प्रदर्शन समाप्त किया, लेकिन पुलिस के सामने अब आरोपियों को पकड़ने और जनता का भरोसा जीतने की बड़ी चुनौती है।
क्या है पूरा मामला?
घटना सोमवार सुबह की है, जब बाइक सवार बदमाशों ने ब्रज भूषण शर्मा की पत्नी ब्रजबाला देवी से चेन छीनने के बाद उन्हें धक्का दे दिया। घायल ब्रजबाला को देखकर स्थानीय लोग और भाजपा कार्यकर्ता मौके पर जमा हो गए। इस घटना ने न केवल चितईपुर में अपराध की गंभीर स्थिति को उजागर किया, बल्कि पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए।
आगे क्या?
यह घटना वाराणसी में बढ़ते अपराध और पुलिस की सुस्ती का एक जीता-जागता उदाहरण बन गई है। अब देखना यह है कि पुलिस अपने वादों पर कितना खरा उतरती है और क्या इस मामले में न्याय मिल पाता है। जनप्रतिनिधियों का यह आक्रोश निश्चित रूप से प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि जनता की सुरक्षा से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।