वाराणसी, 18 मई 2025, रविवार। भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है। 24 जून को काशी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सेंट्रल जोनल काउंसिल की हाई-प्रोफाइल बैठक होने जा रही है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री शामिल होंगे, जो न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा बल्कि विकास की नई रूपरेखा तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
काशी में जुटेंगे चार राज्यों के दिग्गज
यह बैठक वाराणसी के नदेसर स्थित एक प्रमुख होटल में आयोजित होगी, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका निभाएंगे। उनके साथ मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहेंगे। चारों राज्यों के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ केंद्रीय अधिकारी भी इस बैठक में शिरकत करेंगे।
सुरक्षा के साथ विकास पर फोकस
हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद यह बैठक विशेष महत्व रखती है। वाराणसी पुलिस ने सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम शुरू कर दिए हैं, जिसमें आईबी और स्थानीय खुफिया इकाइयां भी सक्रिय हैं। बैठक में बांग्लादेशी घुसपैठ, रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे, भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा, पॉक्सो और महिला अपराध जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा होगी।
इसके अलावा, सड़क, परिवहन, बिजली, पानी, पर्यावरण, वन, खनन, कृषि और धार्मिक पर्यटन जैसे विकास से जुड़े मुद्दों पर भी गहन मंथन होगा। हिमालय से निकलने वाली नदियों को जोड़ने और राज्यों के बीच सीमा विवाद जैसे जटिल मसलों पर भी विचार-विमर्श होगा।
रांची की बैठक टलने के बाद काशी की अहमियत
मूल रूप से 10 मई को रांची में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक भारत-पाक तनाव के चलते स्थगित हो गई थी। ऐसे में वाराणसी में होने वाली यह बैठक केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
20 महीने बाद काशी में सेंट्रल जोनल काउंसिल
सेंट्रल जोनल काउंसिल की आखिरी बैठक 7 अक्टूबर 2023 को उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में हुई थी, जहां 18 बिंदुओं पर चर्चा हुई थी। उस बैठक में ही योगी आदित्यनाथ ने अगली बैठक वाराणसी में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब काशी विश्वनाथ की नगरी इस महत्वपूर्ण आयोजन की मेजबानी के लिए तैयार है।
क्षेत्रीय परिषदें: देश के विकास का मजबूत आधार
1956 में गठित क्षेत्रीय परिषदें केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच हैं। भारत में पांच क्षेत्रीय परिषदें हैं- उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी। सेंट्रल जोनल काउंसिल में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड शामिल हैं, जो देश के विकास और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करते हैं।
काशी की मेजबानी, देश की उम्मीदें
वाराणसी में होने वाली यह बैठक न केवल क्षेत्रीय मुद्दों को हल करने का एक मंच होगी, बल्कि यह काशी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को भी राष्ट्रीय पटल पर और उजागर करेगी। अमित शाह और चार मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में होने वाला यह मंथन निश्चित रूप से सुरक्षा और विकास के नए रास्ते खोलेगा।