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Friday, November 22, 2024

केंद्र सरकार ने 6 और रबी फसल के लिए जारी की अधिसूचना

दिवाली से पहले काशी को भी मिला सौग़ात रेल , सड़क, पुल सहित मल्टीट्रैकिंग 2,642 करोड़ रुपये का होगा निर्माण कार्य ।
सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते ‘डीए’ एवं महंगाई राहत ‘डीआर’ में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है।
दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने किसान , सरकारी कर्मचारी और मज़दूर सहित लगभग सभी वर्गों के लिए सौग़ातों की बौछार की है ।
केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए रबी विपणन सीजन में 6 फसलों के लिए एमएसपी अधिसूचित किया है , जिसके तहत
हाईलाइट्स
गेहूँ 150 रु प्रति क्विंटल
जौ 130 रु प्रति क्विंटल
चना 210 रु प्रति क्विंटल
मसूर 275 रु प्रति क्विंटल
सरसों 300 रु प्रति क्विंटल
कुसुम 140 रु प्रति क्विंटल
केंद्र सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई भत्ते ‘डीए’ एवं महंगाई राहत ‘डीआर’ में तीन फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। पहली जुलाई से देय महंगाई भत्ते की दर अब 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। इससे पहले कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि सामान्य तौर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी का भुगतान, अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने दशहरे पर भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को गंगा नदी पर एक नए रेल-सह-सड़क पुल सहित वाराणसी-पंडित दीन दयाल उपाध्याय मल्टीट्रैकिंग परियोजना के निर्माण को भी मंजूरी दी है । प्रस्तावित परियोजना की कुल लागत 2,642 करोड़ रुपये (लगभग) है और यह चार साल में पूरी होगी। परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार भी उत्पन्न होंगे ।
दिवाली से पहले किसानों को मिली इस सौग़ात पर केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे किसान हित में ऐतिहासिक फ़ैसला बताया है ।
उन्होंने कहा है कि किसान हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में किसान हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। रबी की मुख्य 6 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई है। जिसके अंतर्गत गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड- सरसो और कुसुम पर एमएसपी में वृद्धि की गई है। गेहूं 2025-26 के लिए 2425 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। जौ की एमएसपी बढ़कर 1980 रुपए होगी। चना 5,650 रुपए क्विंटल, मसूर 6,700 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों 5,950 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम 5,940 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। गेहूं की एमएसपी में 150 रूपए प्रति क्विंटल वृद्धि हुई है। जौ में 130 रुपए प्रति क्विंटल, चना में 210 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर में 275 रुपए प्रति क्विंटल, रेपसीड और सरसों में 300 रुपए प्रति क्विंटल और कुसुम में 140 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी बढ़ी है। केंद्रीय कैबिनेट ने यह फ़ैसला लिया है कि, वास्तविक लागत पर कम से कम 50% मुनाफा देकर किसानों की फसल खरीदी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने डाटा साझा करते हुए कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब 2014 और 2024 में अगर अंतर देखे तो 2014 में गेहूं केवल 1400 रूपए क्विंटल था, जौ केवल 1100 रूपए क्विंटल थी, चना 3100 रूपए क्विंटल था, मसूर 2950 रूपए प्रति क्विंटल था, कुसुम 3000 रूपए क्विंटल थी और सरसो 3050 रूपए क्विंटल थी और उसकी भी खरीदी नहीं होती थी। ये भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी की सरकार है जो गेहूं तो खरीदती ही है लेकिन हमने फैसला किया कि अरहर, मसूर और उड़द भी पूरी खरीदी जाएगी। किसानों के हित में एक नहीं अनेकों फैसले किए जा रहे हैं। मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि जल्दी खराब होने वाली फसलें जिनमें मुख्य रूप से सब्जियां होती है, उन्हें किसान महानगरों में आकर बेच सकते हैं और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च सरकार वहन करेगी। सब्जियों के बारे में भावांतर भूगतान जैसी योजना भी है। किसान को ठीक दाम देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आज उसी के अनुरूप एमएसपी की नई दरें घोषित की गई है।
एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य निरंतर बढ़ाते जाना, राज्य सरकारों के साथ मिलकर खरीदी का काम करना और दूसरी तरफ आयात निर्यात नीति में भी परिवर्तन किए जा रहे हैं। पहले खाद्य तेल के आयात पर जीरो प्रतिशत ड्यूटी थी लेकिन अब 27.5 प्रतिशत ड्यूटी लगती है, जिसके कारण सोयाबीन के दाम बढ़ गए हैं। इसी तरह प्याज के एक्सपोर्ट पर 40 प्रतिशत ड्यूटी को घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध हटा लिया गया है। एमएसपी की दरें बढ़ाने और किसान हितैषी फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं और किसान हितैषी ये कार्य लगातार जारी रहेंगे।

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