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Friday, April 19, 2024

पीएम मोदी का नाम, फोटो तिरंगे राष्ट्रीय चिंह का इस्तेमाल उचित बॉम्बे हाईकोर्ट को केंद्र का जवाब

पीएम केयर्स फंड का मुद्दा एक बार फिर उछला है। इस बार बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की गई है। हालांकि हाईकोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब में पीएमओ ने साफ तौर पर कहा है कि इस फंड के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का नाम, उनके फोटो, तिरंगे व अन्य राष्ट्रीय चिंहों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पूरी तरह से उचित है।

पीएम केयर्स फंड की स्थापना 27 मार्च 2020 को एक सार्वजनिक धर्मादा ट्रस्ट के रूप में की गई थी। इसका मकसद सार्वजनिक स्वास्थ्य की आपात स्थिति या प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों को सहायता प्रदान करना है।

पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपंकर दत्ता व जस्टिस एमएस कर्णिक की पीठ के समक्ष एक हलफनामा दायर कर यह जवाब दिया है। पीएमओ के अधिकारी ने कहा कि पीएम के नाम, फोटो व राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (PMNRF) के लिए भी किया जाता है।

कांग्रेस कार्यकर्ता विक्रांत चव्हाण ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम केयर्स फंड के लोगो से पीएम का नाम, उनका फोटो व राष्ट्रीय प्रतीक चिंह हटाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम केयर्स फंड की सरकारी वेबसाइट से भी पीएम के नाम आदि को हटाने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि पीएम केयर्स (PM CARES) फंड के लिए इन प्रतीकों व तस्वीरों का उपयोग राष्ट्रीय चिंह व नाम के अनुचित इस्तेमाल की रोकथाम के कानून का उल्लंघन है।

पीएमओ ने जवाबी हलफनामे में कहा है कि पीएम केयर्स फंड और पीएमएनआरएफ दोनों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री की तस्वीर, उनके नाम और राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग पीएमएनआरएफ और पीएम केयर्स फंड के लिए भी किया जा रहा है। भारतीय ध्वज संहिता, 2002, जो राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के संबंध में सभी कानूनों, परंपराओं, प्रथाओं और निर्देशों से संबंधित है, में यह प्रावधान है कि आम जनता, निजी संगठन, शैक्षणिक संस्थान आदि द्वारा इसके प्रदर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, सिवाय इसके कि यह उपयोग प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम में तय सीमा के दायरे से बाहर न हो।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं। इस फंड के सभी ट्रस्टी नि:शुल्क कार्य करते हैं। न्यासी बोर्ड के पदेन अधिकारी केवल प्रशासनिक सुविधा और ट्रस्ट के सुचारू संचालन की दृष्टि से नियुक्त किए गए हैं।

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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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