यूटा की शिकायत पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम
लखनऊ, 5 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के मर्जर के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने समग्र शिक्षा परियोजना के राज्य निदेशक को मर्जर के फैसले पर पुनर्विचार करने और नए सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया है।
यूटा की शिकायत बनी आधार
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), अयोध्या के मंडल अध्यक्ष बलबीर सिंह ने 28 जून को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि स्कूलों का मर्जर शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई एक्ट-2009) का उल्लंघन है। इससे न केवल छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, बल्कि ग्राम सभाओं के हितों को भी नुकसान पहुंच रहा है।
मंत्रालय का पत्र, पुनर्विचार का आदेश
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अपर सचिव विपिन चंद्र चमोली ने राज्य परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर मर्जर नीति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि मर्जर से संबंधित सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श कर नया निर्णय लिया जाए।
यह कदम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और स्थानीय समुदायों की चिंताओं को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।