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Saturday, July 5, 2025

काशी में रंगभरी एकादशी की धूम: माता गौरा के गौना उत्सव की तैयारी शुरू

वाराणसी, 2 मार्च 2025, रविवार। काशी विश्वनाथ मंदिर में फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष पक्ष की अमला एकादशी 10 मार्च (रंगभरी एकादशी) पर माता गौरा के गौना उत्सव का क्रम 7 मार्च शुक्रवार से विश्वनाथ मंदिर के महंत टेढीनिम स्थित आवास पर आरंभ हो जाएगा। इस अवसर पर महंत आवास पर माता गौरा के विग्रह के समक्ष हल्दी तेल का लोकाचार काशीवासियों द्वारा पूर्ण किया जाएगा। संध्याबेला में माता गौरा को हल्दी लगाई जाएगी। यह परंपरा बसंत पंचमी से तिलकोत्सव की परंपरा से प्रारंभ होती है और रंगभरी एकादशी पर गौरा के गौना की पालकी यात्रा के बाद पूर्ण होती है।
परंपरानुसार महंत आवास (गौरा सदनिका) में माता गौरा के गौना के लिए उत्सव का माहौल है। रंगभरी पर काशीवासी पालकी पर महादेव-गौरा संग प्रथमेश को विराजमान करा कर गौरा सदनिका से मंदिर तक लेकर जायेगे और काशी मे होली की शुरूआत होगी। 7 मार्च को हल्दी की रस्म के लिए गवनहिरयों की टोली संध्या बेला में महंत आवास पर जमा होगी। एक तरफ मंगल गीतों का गान के बीच गौरा को हल्दी लगाई जाएगी। यह उत्सव काशी की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और लोगों को इसका हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करता है।
यह रस्म विश्वनाथ मंदिर के मंहत डा. कुलपति तिवारी के गोलोकवास होने के बाद पहली बार उनकी पत्नी मोहिनी देवी के सानिध्य में वंश परंपरानुसार उनके पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी निभायेंगे। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान होगा। ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के गीत मुखर होंगे। हल्दी के पारंपरिक गीतों में ससुराल की खूबियों का बखान कर शिवांजलि प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं, इन्हीं गीतों के जरिये भूतभावन महादेव को दूल्हन का ख्याल रखने की ताकीद भी दी जाएगी। 
शिवाजंली के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया महंत डॉ कुलपति तिवारी जी के गोलोकवास होने के कारण शिवांजलि के तहत होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम संक्षिप्‍त रहेगें। शिवांजली के अध्यक्ष पं.वाचस्पति तिवारी ने बताया गौरा के गौना की तैयारिया शुरू हो गई है। महंत परिवार के वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती के गौना का कर्मकांड पूर्ण परंपरानुसार पूर्ण किया जाएगा। वाचस्पति ने बताया काशी के रंगोत्सव शुरूआत माता गौरा के गौना से ही होती है। काशीवासी प्रथम गुलाल बाबा को अर्पित  कर होली खेलने की अनुमती मांगते है।
गौना विवरण
7 मार्च  (शुक्रवार) माता गौरा की हल्दी
8 मार्च (शनिवार) लोकाचार मंगल सगुन
9 मार्च (रविवार ) गौना के लिए बाबा का गौरासदनिका आगमन
10 मार्च (सोमवार) गौरा -गौना की पालकी यात्रा

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