वाराणसी, 8अक्टूबर 2024, मंगलवार। नगर के बंगीय पूजा पंडालों में विभिन्न धर्मिक अनुष्ठानों संग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ दुर्गा पूजनोत्सव का चटख रंग निखरने लगा है। जिम स्पोर्टिंग क्लब में देवी प्रतिमा की स्थापना हो गयी है। मंडप में बांग्ला चाला की 17 फुट की देवी प्रतिमा का रूप अद्भुत है। वर्धमान जिला (पश्चिम बंगाल) के बनकापासी गांव में शोला का साज से प्रतिमा को सुशोभित किया गया है। मां दुर्गा रजत मुकुट और बनारसी साड़ी में शोभायमान हैं। उनकी 10 भुजाओं में पीतल का अस्त्र-शस्त्र है। यहां प्रतिमा का निर्माण रथयात्रा के पहले दिन से शुरू हो जाता है। इसे ‘काठाम पूजा’ कहा जाता है।
तिथियों का खेल : शारदीय नवरात्र में इस वर्ष तिथियों की वृद्धि और क्षय के कारण बंगीय पूजा मंडपों में देवी का बोधन षष्ठीतिथि के बजाय पंचमी तिथि पर आठ अक्टूबर को किया जाएगा। नवमी तिथि की हानि के कारण एक दिन पहले शुरू होने पर भी दुर्गोत्सव पांच दिनों का ही होगा। भेलूपुर, पांडेय हवेली, शिवाला से लेकर जंगमबाड़ी और दशाश्वमेध के बीच बनाए गए पूजा पंडालों में विधानों की शुरुआत मुहूर्त के अनुसार होगी। उत्सव का क्रम 12 अक्टूबर को विजया दशमी पर देवी की प्रतिमा के विसर्जन के साथ पूर्ण होगा।
यहां आज बोधन : देवी दुर्गा का बोधन का विधान सायंकाल बंगीय पद्धति के अनुसार किया जाएगा। ये विधान जिम स्पोर्टिंग क्लब, वाराणसी दुर्गोत्सव सम्मिलनी, शारदोत्सव संघ, यूथ क्लब, यंग ब्वायज क्लब, अकाल बोधन, काशी दुर्गोत्सव सम्मिलनी, प्रभात तरुण संघ, ईगल क्लब, गोल्डेन स्पोर्टिंग क्लब, साउथ क्लब, शिवम क्लब, रानीभवानी कटरा के पूजा पंडालों में बंगीय पुरोहितों द्वारा संध्या बेला में पूजन-अर्चन किया जाएगा। ईगल के सचिव प्रदीप सेन के अनुसार आठ अक्टूबर को सायंकाल पांच बजे से देवी का बोधन होगा। जबकि भारत सेवाश्रम संघ और रामकृष्ण मिशन में बोधन महाषष्ठी तिथि पर नौ अक्टूबर को होगा।
यहां कल स्वरांजलि : षष्ठी तिथि पर नौ अक्टूबर को सायं सात बजे आगमनी कार्यक्रम ‘महालया’ की संगीतमय प्रस्तुति होगी। जिम स्पोर्टिंग क्लब के सेक्रेटरी महेन्द्र केशरी बनर्जी ने बताया कि नवनिर्मित हॉल में प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. देवाशीष डे, डॉ. रागिनी सरना सहित उनकी शिष्य मंडली द्वारा मां दुर्गा को स्वरंजलि अर्पित की जाएगी।
विविध रूपों में दिखेंगी देवी : शहर के अन्य हिस्सों में जहां उत्तर भारतीय पद्धति से देवी की आराधना की जाती है वहां महासप्तमी से महानवमी तक विविध अनुष्ठान होंगे। इन पूजा पंडालों में इस वर्ष देवी भगवती विविध स्वरूपों में दर्शन देंगी। कहीं महिषासुर का वध करतीं देवी के रौद्र रूप के दर्शन होंगे तो कहीं घूंघट के पट से देवी के सौम्य स्वरूप के दर्शन होंगे। लहरतारा स्थित लोटस ब्वायज क्लब, औरंगाबाद स्थित लहंगपुरा, शांति सुरक्षा समिति, दानगंज स्थित जय दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल में देवी के सौम्य स्परूप के दर्शन होंगे।