N/A
Total Visitor
25.7 C
Delhi
Thursday, July 31, 2025

बिहार में स्वास्थ्य क्रांति: मिनटों में तैयार पोर्टेबल अस्पताल, जानिए BHISHM Cube की खासियत

पटना, 30 जुलाई 2025: बिहार, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक बड़ी चुनौती रही है, अब एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है। दूर-दराज के गांवों में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव और सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा की मजबूरी को कम करने के लिए बिहार को मिला है उसका पहला पोर्टेबल अस्पताल—BHISHM Cube। पटना एम्स में इस अनूठी तकनीक की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है, जो स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाने का वादा करती है।

BHISHM Cube: एक नन्हा अस्पताल, बड़ा कमाल

Bharat Health Initiative for Sahyog, Hita & Maitri यानी BHISHM Cube भारत की एक ऐसी अभिनव खोज है, जो आपातकाल और आपदा प्रबंधन में गेम-चेंजर साबित हो रही है। यह पोर्टेबल चिकित्सा इकाई युद्ध, भूकंप, बाढ़ जैसी आपदाओं या उन इलाकों में तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जहां पारंपरिक अस्पतालों का ढांचा मौजूद नहीं। रक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित इस तकनीक को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की यात्रा (25-26 जुलाई 2025) के दौरान वहां के राष्ट्रपति को उपहार स्वरूप भेंट किया, जो भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति का प्रतीक है।

मिनटों में तैयार, जान बचाने को तत्पर

BHISHM Cube की सबसे बड़ी खासियत है इसकी गतिशीलता और त्वरित तैनाती। महज 20 मिनट में यह क्यूब एक पूर्ण सुविधायुक्त अस्पताल में बदल सकता है। हल्के और आसानी से ले जाए जा सकने वाले ये क्यूब 72 छोटे यूनिट्स से मिलकर बनते हैं, जिनका वजन 20 किलो से अधिक नहीं होता। इनमें शामिल हैं:

  • आपातकालीन दवाइयां और ऑक्सीजन प्लांट
  • डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, और स्मार्ट लैब
  • ऑपरेशन थिएटर और मॉनिटरिंग डिवाइस

एक BHISHM Cube 300 मरीजों को एक साथ चिकित्सा सहायता दे सकता है, जो इसे आपदा प्रभावित क्षेत्रों या ग्रामीण इलाकों के लिए वरदान बनाता है।

बिहार के लिए क्यों है खास?

बिहार के सुदूर गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक गंभीर समस्या रही है। BHISHM Cube इस खाई को पाटने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल आपदाओं में तुरंत मदद पहुंचाएगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने में भी योगदान देगा। पटना एम्स में इसकी टेस्टिंग बिहार के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है।

वैश्विक मंच पर भारत की पहचान

BHISHM Cube सिर्फ भारत तक सीमित नहीं। भारत ने इसे मालदीव और यूक्रेन जैसे देशों को भी प्रदान किया है, जिससे वैश्विक कूटनीति में इसकी अहम भूमिका साबित हुई है। अब यह तकनीक बिहार जैसे राज्यों में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम दे सकती है।

एक नई शुरुआत

BHISHM Cube न केवल एक तकनीकी चमत्कार है, बल्कि यह उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पातीं। बिहार में इसकी शुरुआत स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है। यह छोटा सा क्यूब बिहार के गांवों में बड़ा बदलाव लाने को तैयार है।

क्या आप भी मानते हैं कि ऐसी तकनीक ग्रामीण भारत को सशक्त बना सकती है?

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »