SC ने सरकार को फैसला लेने के लिए समय दिया। कहा- पिछले साल से अलग नीति बनाएं तो उसकी उचित वजह होनी चाहिए।
पिछले साल परीक्षा स्थगित होने से पहले जो पेपर हो चुके थे, उनके औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित हुए थे।
CBSE और ICSE की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग पर SC में सुनवाई थोड़ी देर में। इस समय स्क्रीन पर याचिकाकर्ता वकील ममता शर्मा और CBSE के वकील रूपेश कुमार नज़र आ रहे हैं। जस्टिस ए एम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी का इंतज़ार।
28 मई को कोर्ट ने CBSE से पक्ष रखने को कहा था।
जज- आप निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं। आप समय लीजिए। लेकिन अगर पिछले साल से कुछ अलग निर्णय लें तो उसकी उचित वजह होनी चाहिए।
एटॉर्नी- पिछले साल लॉकडाउन से पहले कुछ पेपर हो चुके थे। तब परिस्थिति अलग थी।
जज- हम अभी विस्तार में नहीं जाना चाहते। आप पहले इस साल के लिए निर्णय लीजिए।