नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025, बुधवार। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने ही पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बलबीर शर्मा को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक से जुड़े एक रिश्वत मामले में शामिल थे। यह गिरफ्तारी हिमाचल प्रदेश में एक छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में की गई है, जहां शर्मा ने कथित तौर पर शैक्षणिक संस्थानों से रिश्वत मांगी थी।
अधिकारियों ने बताया कि शर्मा को सोमवार को चंडीगढ़ कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद शर्मा को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी जांच की गई और नतीजे संतोषजनक रहे।
चंडीगढ़ की विशेष अदालत ने शर्मा को एक दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। यह मामला सीबीआई और ईडी दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह उनकी अपनी एजेंसियों के भीतर भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर करता है। शर्मा के परिवार ने सीबीआई अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, हालांकि एजेंसी के अधिकारियों ने आरोपों को खारिज किया है।
बता दें, सीबीआई ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें ईडी के सहायक निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि विशाल दीप ने हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन रजनीश बंसल से ईडी द्वारा जांच किये जा रहे धनशोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए 1.1 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। बाद में यह रकम 60 लाख रुपये तक कम हो गई थी।
सीबीआई ने विशाल दीप को मुंबई में गिरफ्तार किया था, लेकिन अदालत ने हिरासत आवेदन खारिज कर दिया था। इसके बाद विशाल दीप को फिर से गिरफ्तार किया गया और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई का दावा है कि विशाल दीप की शिकायतकर्ता से बातचीत की रिकॉर्डिंग है और वह उस जगह के पास मौजूद थे, जहां शिकायतकर्ता ने सह-आरोपी विकास दीप और नीरज को रिश्वत सौंपी थी।