नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025: साइबर अपराध के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक बार फिर बड़ा धमाका किया है। ऑपरेशन चक्र-V के तहत 16 जुलाई को सात राज्यों—दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और राजस्थान—में एक साथ छापेमारी कर CBI ने साइबर ठगों के काले कारोबार की कमर तोड़ दी। इस कार्रवाई में फर्जी बैंक अकाउंट्स के जरिए ठगी का जाल बिछाने वाले तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
मोबाइल, दस्तावेज और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड बरामद
CBI की इस तूफानी कार्रवाई में कई मोबाइल फोन, बैंक दस्तावेज, KYC पेपर और साइबर ठगी से जुड़े लेन-देन के सबूत बरामद किए गए। जांच एजेंसी के मुताबिक, ये फर्जी अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश योजनाओं और ऑनलाइन ठगी जैसे गंभीर अपराधों का आधार थे। इससे पहले 25 जून को CBI ने 37 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था और 40 ठिकानों पर छापेमारी कर 10 ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था। इस ताजा कार्रवाई ने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को और गहरी चोट पहुंचाई है।
तीन स्तरों पर चलता है ठगी का खेल
CBI ने खुलासा किया कि यह साइबर ठगी का नेटवर्क तीन स्तरों पर काम करता है। पहला, फाइनेंशियल नेटवर्क—फर्जी बैंक अकाउंट्स और पेमेंट चैनलों के जरिए ठगी। दूसरा, सिम कार्ड नेटवर्क—फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट कर ठगी को अंजाम देने वाले एजेंट्स। तीसरा, ह्यूमन नेटवर्क—ठगी के लिए लोगों की भर्ती करने वाले संगठित गिरोह। यह जटिल साजिश न केवल भारत तक सीमित है, बल्कि इसका जाल अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है।
‘सतर्क रहें, सुरक्षित रहें’
CBI ने आम लोगों से अपील की है कि वे ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा, और जांच में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ CBI की दृढ़ प्रतिबद्धता का सबूत है।
साइबर ठगों को चेतावनी
CBI का यह ऑपरेशन साफ संदेश देता है कि साइबर अपराधियों के लिए अब कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं है। जांच एजेंसी का कहना है कि इस नेटवर्क को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने के लिए कार्रवाई और तेज की जाएगी। देशवासियों से अनुरोध है कि अपने डिजिटल लेन-देन में सावधानी बरतें और ठगों के जाल में फंसने से बचें।