नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के लिए अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के बदले रिश्वत लेने के आरोप में तीन डॉक्टरों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के पदाधिकारियों, निरीक्षक डॉक्टरों और बिचौलियों के खिलाफ की गई है। सीबीआई ने इस मामले में छह राज्यों—कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश—में 40 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है।
सीबीआई के अनुसार, विश्वसनीय सूचना मिली थी कि श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट के अधिकारी मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए अनिवार्य निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए निरीक्षकों को 55 लाख रुपये की रिश्वत दे रहे थे। इस जानकारी के आधार पर, सीबीआई ने जाल बिछाया और बेंगलुरु में रिश्वत के लेन-देन के दौरान छह आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, “आरोपियों ने विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल कर निरीक्षण प्रक्रिया को प्रभावित किया, जिसमें निरीक्षक डॉक्टरों को अवैध रूप से प्रभावित करना शामिल था।” गिरफ्तार किए गए आरोपियों को संबंधित स्थानों पर सक्षम अदालतों के समक्ष पेश किया जाएगा।
इस घोटाले ने भारत में मेडिकल शिक्षा की अखंडता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट्स भविष्य के स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। सीबीआई ने कहा कि जांच आगे बढ़ रही है और इस भ्रष्टाचार नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट विवादों में आया है। पहले भी इस संस्थान पर फर्जी फिंगरप्रिंट के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने, निरीक्षण के दौरान अस्थायी कर्मचारियों को नियुक्त करने और डमी मरीजों को दिखाने जैसे आरोप लग चुके हैं।
सीबीआई की यह कार्रवाई मेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्त निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करती है। जांच के परिणामस्वरूप इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।