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Sunday, July 6, 2025

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों पर दर्ज केस होंगे रद्द

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी संघर्ष के दौरान पंजाब में किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द किए जाएंगे। यह एलान बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 32 किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद किया। उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों व मजदूरों के परिजनों को सरकारी नौकरी व तय मुआवजा देने के लिए संयुक्त मोर्चा से सूची मांग ली है।

मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि पंजाब के सरकारी दफ्तरों में केवल पंजाबियों को ही नौकरी देने के लिए राज्य सरकार एक हफ्ते में नया कानून ला रही है। पंजाब भवन में संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक के बाद प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों के हित में कई अन्य बड़े एलान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग पर किसान यूनियनों के साथ बैठकर में विचार-विमर्श किया जाएगा और उसके आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यूनियनों की बाकी 17 मांगों को मान लिया गया है। इसके तहत, राज्य में पराली जलाने को लेकर अब तक किसानों पर जितने भी केस दर्ज किए गए हैं, उन सभी को रद्द करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही किसानों से भविष्य में पराली न जलाने की अपील भी की।
बठिंडा क्षेत्र में गुलाबी सूंडी के कारण खराब हुई कपास की फसल के लिए 12000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा राशि को बढ़ाकर 17000 रुपये करने की घोषणा की। जिन कपास किसानों की 75 फीसदी फसल खराब हुई है, उन्हें अब बाकी पांच हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कपास की चुगाई करने वाले मजदूरों को भी 10 फीसदी मुआवजा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने गन्ने का दाम 310 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 360 रुपये कर दिया है। इस तरह बढ़ाए गए 50 रुपये में से 35 रुपये सरकार और 15 रुपये चीनी मिलें अदा करेंगी।

बढ़ी हुई राशि की किसानों को काउंटर पेमेंट की जाएगी। वहीं, राज्य में एपी स्कीम के तहत सब्जी उगाने वाले किसानों द्वारा किए 500 बिजली के मीटर भी सरकार ने फ्री कर दिए हैं और खेतों को पानी देने में आने वाला बिजली का बिल भी माफ कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2013 में तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने तीनों कृषि कानूनों से मिलता-जुलता कानून पास किया था। तीनों काले कानूनों की बुनियाद भी अकालियों द्वारा लाया कानून ही है, इसलिए कांग्रेस सरकार ने उस कानून को रद्द कर दिया है, जो किसानों को कांट्रैक्ट खेती के नाम पर बड़े घरानों की कठपुतली बना रहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल धान की बहुत अच्छी पैदावार हुई है और सरकार पूरी फसल अगले 3-4 दिन में खरीद लेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 20 सालों में यह पहला अवसर है जब किसानों को मंडियों में धान खरीद में कोई कठिनाई नहीं हुई और उन्हें समय पर भुगतान भी हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली विधानसभा में किसान यूनियनों द्वारा सरकार से मांग की गई थी कि तीन काले कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए, उसे स्वीकार करते हुए सरकार ने प्रस्ताव ही पारित नहीं किया बल्कि उसमें दो लाइनें यह जोड़ दी हैं कि पूरा सदन और सारे विधायक सर्वसम्मति से सरकार को हिदायत करते हैं कि यह कानून पंजाब में लागू न किए जाएं। इसके चलते अब पंजाब में यह कानून लागू नहीं हो सकेंगे।

 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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