आगरा, 26 सितंबर:भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आगरा के एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में एक वाद दर्ज किया गया है। यह मामला अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत के विवादास्पद बयान को लेकर दायर किया गया है, जिसने एक बार फिर कंगना को कानूनी पचड़े में डाल दिया है। अदालत ने इस मामले में आज अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के बयान दर्ज किए और अब 17 अक्टूबर को इस वाद पर अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है।
किसान आंदोलन पर कंगना के बयान से विवाद
यह मामला उस समय के कंगना रनौत के बयान से जुड़ा है, जब किसान आंदोलन अपने चरम पर था। कंगना ने उस दौरान कथित तौर पर कहा था कि “किसान आंदोलन में हत्या और बलात्कार हो रहे हैं” और यह भी जोड़ा था कि यदि देश में मजबूत सरकार न होती, तो “देश बांग्लादेश बन गया होता।” कंगना के इस बयान ने न केवल देशभर में विवाद खड़ा किया, बल्कि उनकी तीखी आलोचना भी हुई। किसान संगठनों और कई राजनीतिक दलों ने इसे किसानों का अपमान बताते हुए कड़ी निंदा की थी।
कंगना का यह बयान उस समय चर्चा में आया था जब हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। कंगना ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगातार किसानों और उनके नेताओं के खिलाफ बयान दिए थे, जिन्हें लेकर काफी विवाद हुआ। इस बयान को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे, और कंगना के खिलाफ कई कानूनी याचिकाएं दायर की गई थीं।
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा दायर वाद
आगरा के एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में कंगना रनौत के खिलाफ यह वाद अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा दायर किया गया है। वाद में कंगना पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने बयान से न केवल किसानों की छवि धूमिल की है, बल्कि सार्वजनिक शांति और सद्भाव को भी भंग करने का प्रयास किया है।
आज कोर्ट में अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के बयान दर्ज किए गए। कोर्ट ने इन बयानों को संज्ञान में लेते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय की है। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने अपने वाद में कंगना के बयान को असंवेदनशील और विभाजनकारी बताया है, जिससे किसानों के प्रति अपमानजनक संदेश गया है।
कंगना रनौत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
कंगना रनौत अपने विवादित बयानों के लिए पहले से ही जानी जाती हैं, लेकिन इस वाद के कारण उनकी कानूनी परेशानियां बढ़ सकती हैं। अगर अदालत कंगना के खिलाफ दोष सिद्ध करती है, तो उन्हें कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। पहले भी कंगना अपने बेबाक बयानों के कारण कई बार कानूनी विवादों में फंसी हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे किसानों के साथ जुड़ा होने के कारण यह मामला और भी गंभीर हो सकता है।
कंगना रनौत, जो अब एक सांसद भी हैं, के इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई थी, बल्कि आम जनता के बीच भी कड़ी आलोचना का सामना किया था। किसानों के समर्थन में उठी आवाजों के बीच कंगना की टिप्पणी ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।
अदालत की प्रक्रिया और अगली सुनवाई की तारीख
आज की सुनवाई में कोर्ट ने वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के बयान दर्ज किए और मामले की गहराई से जांच करने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्टूबर तय की है। इस दौरान कंगना रनौत को व्यक्तिगत रूप से या अपने कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होना पड़ सकता है।
यदि इस मामले में कंगना रनौत को दोषी पाया जाता है, तो उन्हें कानूनी तौर पर बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल अदालत की प्रक्रिया जारी है और मामले के आगामी अदालती सत्र में कंगना के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
कंगना रनौत के बयान से उपजा यह विवाद अब अदालत के दरवाजे तक पहुंच गया है और इसका कानूनी समाधान ढूंढने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अदालत की आगे की सुनवाई और संभावित कानूनी परिणामों को लेकर यह मामला राजनीतिक और सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण बन गया है। किसानों और उनके समर्थकों के बीच कंगना के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच, अदालत का फैसला महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।