कोल्लम में RSS के 27 कार्यकर्ताओं पर केस: मंदिर के पास भगवा झंडे वाली पुष्प रंगोली बनी वजह

0
154

कोल्लम, 7 सितंबर 2025: केरल के कोल्लम जिले में श्री पार्थसारथी मंदिर के पास ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर फूलों की रंगोली (पुक्कलम) बनाने के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 27 कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस रंगोली में भगवा झंडे का डिजाइन और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द शामिल थे, जिसे हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना गया। इस कार्रवाई की भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ी निंदा की है।

मंदिर के पास भगवा झंडे का डिजाइन, उल्लंघन का आरोप

घटना मुथुपिलक्काडु स्थित श्री पार्थसारथी मंदिर के पास की है। ओनम के एक दिन पहले RSS कार्यकर्ताओं ने मंदिर से महज 50 मीटर की दूरी पर फूलों से भगवा झंडे का डिजाइन बनाया और छत्रपति शिवाजी का फ्लेक्स भी लगाया। यह सब मंदिर समिति की अनुमति के बिना किया गया। पुलिस के अनुसार, हाईकोर्ट ने 2020 में मंदिर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक प्रतीक या चिन्ह को प्रदर्शित करने पर रोक लगाई थी।

हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना

केरल पुलिस ने बताया कि मंदिर के आसपास राजनीतिक प्रतीकों पर प्रतिबंध के बावजूद RSS कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडे का डिजाइन बनाया, जो कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। 2023 में भी भगवा झंडा फहराने की अनुमति मांगने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। मंदिर के नियंत्रण को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े समूहों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है, जिसमें पहले हिंसक घटनाएं भी हो चुकी हैं।

BJP ने लगाया पक्षपात का आरोप

BJP के केरल अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने पुलिस कार्रवाई को ‘चौंकाने वाला’ करार देते हुए कहा, “ओनम के पवित्र अवसर पर फूलों की रंगोली बनाने के लिए केस दर्ज करना अभूतपूर्व है। क्या केरल में केवल पाकिस्तान या जमात-ए-इस्लामी का शासन है? सरकार इस कार्रवाई से किसे खुश करना चाहती है?” उन्होंने मंदिर समिति पर भी निशाना साधा, जो माकपा और कांग्रेस से जुड़े लोगों की मौजूदगी में चलती है, और पूछा कि वे छत्रपति शिवाजी के फ्लेक्स से क्यों डरते हैं।

मंदिर समिति का पक्ष

मंदिर समिति का कहना है कि RSS कार्यकर्ताओं ने आश्वासन दिया था कि पुक्कलम में किसी राजनीतिक प्रतीक का इस्तेमाल नहीं होगा। हालांकि, भगवा झंडे के डिजाइन के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द लिखने पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई।

यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, और आने वाले दिनों में इस पर और बहस की संभावना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here