नई दिल्ली, 25 मई 2025: रविवार की तड़के ओडिशा के तट पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक मालवाहक जहाज अचानक पलट गया। समुद्र की लहरों के बीच फंसे इस विशालकाय पोत ने न सिर्फ समुद्री व्यापार को झकझोरा, बल्कि एक बड़े हादसे की आशंका ने सभी को सकते में डाल दिया। लेकिन, भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और नौसेना की त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ 24 क्रू मेंबर्स की जान बचाई, बल्कि एक संभावित त्रासदी को भी टाल दिया।
क्या हुआ था?
प्रारंभिक जांच के अनुसार, जहाज के एक होल्ड में पानी भरने से उसका संतुलन बिगड़ गया, जिसके चलते वह पलट गया। हादसे की खबर मिलते ही तटरक्षक बल और नौसेना ने तुरंत मोर्चा संभाला। INS सुजाता ने सबसे पहले कैप्टन, चीफ इंजीनियर और सेकंड इंजीनियर को सुरक्षित निकाला, जो हादसे के वक्त जहाज पर फंसे थे। इससे पहले, बाकी 21 क्रू मेंबर्स को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। यह ऑपरेशन न केवल साहस का प्रतीक है, बल्कि भारतीय समुद्री बलों की तत्परता और समन्वय का भी शानदार उदाहरण है।
हादसे का असर और सैल्वेज ऑपरेशन
हादसे के कारण जहाज से कुछ कंटेनर समुद्र में गिर गए, जिससे पर्यावरण और समुद्री व्यापार पर संभावित खतरे की आशंका बढ़ गई है। ICG के अनुसार, नुकसान का आकलन (रिस्क असेसमेंट) शुरू कर दिया गया है। साथ ही, जहाज को स्थिर करने और सैल्वेज ऑपरेशन की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। तटरक्षक बल के जहाज और एयरक्राफ्ट लगातार निगरानी में जुटे हैं, ताकि स्थिति को और नियंत्रित किया जा सके।
नायकों की कहानी
इस हादसे में भारतीय तटरक्षक और नौसेना के जांबाजों की भूमिका सराहनीय रही। उनकी तेजी और समर्पण ने न सिर्फ 24 जिंदगियां बचाईं, बल्कि समुद्री आपदा को भी नियंत्रित करने में अहम योगदान दिया। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी साहस और समन्वय से किसी भी चुनौती को हराया जा सकता है।
हादसे की जांच और सैल्वेज ऑपरेशन अभी जारी हैं। आने वाले दिनों में नुकसान का सटीक आकलन और जहाज की स्थिति स्पष्ट होगी। लेकिन एक बात तय है—इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में भारतीय समुद्री बलों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।