नई दिल्ली, 23 अप्रैल 2025, बुधवार। “वक्त है पाकिस्तान-मुक्त विश्व का!”—यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और मानवता की पुकार है, जो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले के बाद बुलंद की है। मंगलवार को बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए इस क्रूर हमले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी सभ्य दुनिया को झकझोर कर रख दिया। लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात मुखौटा संगठन TRF ने इस नरसंहार को अंजाम दिया, जिसमें 28 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें इटली और इज़राइल के नागरिक भी शामिल थे।
नृशंसता की हद: नाम पूछकर सिर में गोली
चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पहले पर्यटकों के नाम पूछे और फिर उनके सिर में गोलियां दाग दीं। यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ सुनियोजित जंग है। MRM ने इसे “इंसानियत का खुला दुश्मन” करार देते हुए कहा कि यह कश्मीरियत या किसी मजहब की लड़ाई नहीं, बल्कि खून और खौफ फैलाने की साजिश है।
MRM का सख्त रुख: अब और बर्दाश्त नहीं
नई दिल्ली में आपात बैठक के बाद MRM के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने दो-टूक कहा, “अब समय आ गया है कि दुनिया पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी ठिकानों को जड़ से उखाड़ने के लिए एकजुट हो। भारत को अब ‘रक्षात्मक कूटनीति’ छोड़कर ‘निर्णायक कूटनीति’ अपनानी होगी।” उन्होंने पाकिस्तान को आतंक का गढ़ बताते हुए वैश्विक समुदाय से ठोस कार्रवाई की मांग की।
पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना: आतंक को मिला संरक्षण
MRM ने जम्मू-कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों, खासकर अब्दुल्ला परिवार पर तीखा हमला बोला। शाहिद सईद ने कहा, “राजनीति में आतंकियों के प्रति नरम रवैया ही उनकी ताकत बना। उन्हें सुरक्षा, गाड़ियां, सरकारी ठेके—सब कुछ मिला। यह कश्मीरियत नहीं, बल्कि खूनी साजिशों को खुला न्योता था।”
कश्मीर की खुशहाली से आतंकियों की बौखलाहट
पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर पर्यटन ने नई ऊंचाइयां छुईं। घाटी में भाईचारा, समृद्धि और ज़िंदगी की नई लहर बही, जो आतंकियों को रास नहीं आई। MRM ने कहा, “आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर खून और डर में डूबा रहे। वे ज़िंदगी और खुशहाली के दुश्मन हैं।”
वैश्विक एकजुटता: भारत अकेला नहीं
हमले की निंदा में इज़राइल और इटली ने भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाया। इज़राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “किसी भी देश के नागरिक पर हमला मानवता पर हमला है।” यह समर्थन दिखाता है कि आतंक के खिलाफ भारत की जंग अब वैश्विक लड़ाई बन चुकी है।
“पाकिस्तान-मुक्त विश्व”: नारा नहीं, ज़रूरत
MRM ने स्पष्ट किया कि “पाकिस्तान-मुक्त विश्व” कोई युद्धोन्मादी नारा नहीं, बल्कि वैश्विक शांति की अनिवार्यता है। जब तक पाकिस्तान आतंक को पनाह देता रहेगा, मासूमों का खून बहता रहेगा। मंच ने संयुक्त राष्ट्र, OIC और अन्य वैश्विक संस्थाओं से आतंक के प्रति दोहरे रवैये को खत्म करने की अपील की।
केंद्र सरकार का सख्त एक्शन
हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में उच्चस्तरीय बैठक की। सेना और सुरक्षा बलों ने पहलगाम व आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। NSA स्वयं हालात पर नजर रखे हुए हैं। कश्मीर हाई अलर्ट पर है।
MRM की अपील: एकता ही जवाब
मंच ने देशवासियों से आतंक को किसी मजहब से न जोड़ने की अपील की। “आतंक का कोई धर्म नहीं। यह वक्त है कि हम जाति, पंथ और विचारधारा से ऊपर उठकर भारत के साथ खड़े हों।”
भारत का संकल्प: न भूलेंगे, न माफ करेंगे
MRM ने चेतावनी दी कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। “आतंकी संगठनों का सफाया होगा और पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब किया जाएगा।” यह संदेश साफ है—अब शब्दों का नहीं, निर्णायक कार्रवाई का समय है।
पहलगाम का खून भारत और दुनिया को एकजुट करने का आह्वान है। MRM का यह रुख न केवल आतंक के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए एक नई दिशा भी देता है।