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Sunday, June 29, 2025

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी

पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट से चुनाव हारीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा प्रत्याशी और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की जीत के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। ममता ने नंदीग्राम में पूरी चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।

बता दें कि बंगाल में आठ चरणों में हुए चुनाव के बाद दो मई को नतीजे आए थे। इसमें सबकी निगाहें राज्य की हॉट सीट नंदीग्राम पर थी। यहां भाजपा प्रत्याशी और कभी ममता के खास रहे सुवेंदु अधिकारी ने रोमांचक मुकाबले में उन्हें 1,956 वोटों से हरा दिया था। यह बंगाल चुनाव का अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर था।

46 दिन बाद कोर्ट में चुनौती
ममता बनर्जी को हाईकोर्ट पहुंचने में 46 दिन लग गए। दरअसल, 2 मई को नंदीग्राम में परिणाम की घोषणा के बाद ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर धांधली के गंभीर आरोप लगाए थे। तब उन्होंने यहां फिर से काउंटिंग की भी मांग की थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी मांग ठुकराते हुए भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी को विजयी घोषित कर दिया था। तब ममता ने फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही थी, आखिरकार उन्होंने 46 दिन बाद कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6,227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही क्योंकि मीडिया के एक धड़े में अधिकारी पर ममता की जीत की खबर चलने लगी थी। तृणमूल कांग्रेस ने इसके मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग कर डाली।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक तृणमूल ने आरोप लगाया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और उनकी संख्या में विसंगति है, मतदान प्रक्रिया भी बार-बार रोकी गई और उसकी जानकारी चुनाव अधिकारियों ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि मेरी जीत की खबर आने के बाद कुछ गड़बड़ी हुई है। इसके बाद सुनने में आया कि परिणाम बदल गया। मैं इस मुद्दे पर अदालत जाऊंगी।

नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ते वक्त बनर्जी ने कहा था कि उन्होंने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से चुनाव ना लड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ा क्योंकि यहीं से उन्होंने कृषि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि नंदीग्राम के लोगों को तय करने दें। उनका जो भी जनादेश होगा, मुझे स्वीकार्य होगा। लेकिन हमारी (तृणमूल कांग्रेस) जीत शानदार होगी और इसके लिए राज्य की महिलाओं, युवाओं, अल्पसंख्यकों ने वोट दिया है।

ममता की पारंपरिक सीट भवानीपुर खाली
नंदीग्राम में हार के बाद ममता ने सात मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि वह चुनाव कहां से लड़ेंगी। आखिरकार, उनकी पारंपरिक सीट भवानीपुर से जीते टीएमसी के विधायक शोभन देव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया। यह तय है कि ममता यहीं से चुनाव लड़ेंगी। बंगाल में 2011 के विधानसभा चुनाव में भवानीपुर से तृणमूल के सुब्रत चुनाव जीते थे। उनके इस्तीफे के बाद ममता ने यहां उप-चुनाव लड़ा था और जीती थीं। 2016 में भी वे इसी सीट से लड़ीं और जीतीं थीं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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