संत कबीरनगर, 30 अक्टूबर 2024, बुधवार। वोकल फ़ॉर लोकल से जुड़ी अवधारणा स्वदेशी आंदोलन के युग से जुड़ी है, जो 1905 में शुरू हुआ था। वोकल फ़ॉर लोकल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अभियान है। इसका मतलब है कि देश में बने उत्पादों को ख़रीदने के साथ-साथ उनका प्रचार भी करना चाहिए। इस अभियान के तहत, छोटे से लेकर बड़े उत्पादों तक पर ध्यान दिया जाता है। प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की आजादी के लिए संकल्पित संस्था भारत तिब्बत समन्वय संघ ने चीन की निर्मित वस्तुओं के बहिष्कार राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है। इस अभियान में बीटीएसएस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील करते हुए वीडियो अपने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म और अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप्स में शेयर करते हुए स्थानीय कुम्हारों द्वारा बनाए गए दीपक और मूर्तियों गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति को खरीद कर स्वदेशी अपनाएं के संदेश दे रहे हैं।
भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामकुमार सिंह ने कहा कि अगर हम कुम्हारो के निर्मित वस्तुओं को खरीद कर दीपावली मनाते हैं तो वोकल फॉर लोकल के तहत रोजगार पैदा होगा। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं को खरीद कर हम चीन की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाते हैं और वह हमारे ही पैसे से हमारे देश के सीमा पर खर्च कर षड्यंत्र रचता है। जहां हमारे जवान देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो जाते हैं और हमारे देश को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
इस अभियान में बीटीएसएस के इस महत्व के अभियान में देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, संत कबीर नगर से अवध प्रांत होते हुए दिल्ली तक व्यापक रूप से चल रहा है। मुख्य रूप से संघ की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. सोनी सिंह व संध्या सिंह, राष्ट्रीय संयोजक कैलाश मानसरोवर मुक्ति महासंकल्प पत्र अभियान श्रीकांत मणि त्रिपाठी, राष्ट्रीय महामंत्री युवा विभाग अनीता जय सिंह व कुणाल यादव, राजेश सोनी, बाबू लाल गोयल (छत्तीसगढ) आदि के साथ द्वारिका सोसाइटी के दुर्गा सप्तशती फाउंडेशन और जयपुर की बाल विभाग की टीम ने भी रोचक वीडियो बना कर साझा किया है।