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Sunday, June 22, 2025

लखनऊ में मासूम के साथ हैवानियत: दरिंदा दीपक वर्मा पुलिस मुठभेड़ में ढेर, CCTV ने खोली क्रूरता की सच्चाई

लखनऊ, 6 जून 2025, शुक्रवार: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। मां-बाप के पास सो रही एक मासूम को अगवा कर उसके साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी दीपक वर्मा की क्रूरता की तस्वीरें अब एक-एक कर सामने आ रही हैं। शुक्रवार तड़के करीब 3:45 बजे लखनऊ पुलिस ने इस हैवान को मुठभेड़ में मार गिराया, लेकिन इस घटना ने समाज के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

सीसीटीवी में कैद हुई दरिंदगी की कहानी

सोशल मीडिया पर वायरल एक सीसीटीवी फुटेज ने इस हृदयविदारक घटना की भयावहता को उजागर किया है। वीडियो में दीपक वर्मा मासूम बच्ची को गोद में उठाए मेट्रो स्टेशन की लिफ्ट की ओर जाते दिखाई दे रहा है। यह वही जगह है, जहां गुरुवार सुबह बच्ची खून से लथपथ, रोती-बिलखती हालत में अपने माता-पिता को मिली थी। बच्ची के निजी अंगों से रक्तस्राव हो रहा था, जो इस अपराध की क्रूरता को दर्शाता है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 200 से अधिक सीसीटीवी खंगाले

घटना के बाद लखनऊ पुलिस ने तत्पाल कार्रवाई शुरू की। पुलिस उपायुक्त (मध्य) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले को सुलझाने के लिए पांच विशेष टीमें गठित की गईं। पुलिस ने 5 किलोमीटर के दायरे में 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की। एक फुटेज में दीपक बच्ची को ले जाते दिखा, जबकि अन्य में वह वारदात के बाद भागता नजर आया। फुटेज से स्कूटी का नंबर ट्रेस कर आरटीओ से जानकारी जुटाई गई, जिससे पता चला कि स्कूटी विष्णु वर्मा की थी, लेकिन उसे दीपक वर्मा चला रहा था।

मुठभेड़ में दीपक ढेर, इनाम था एक लाख

पुलिस ने दीपक की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। शुक्रवार देर रात जब पुलिस टीमें उसे पकड़ने के लिए दबिश दे रही थीं, दीपक ने पुलिस पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से वह घायल हो गया और लोकबंधु अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

बच्ची की हालत स्थिर, लेकिन चोटें गंभीर

घटना के बाद माता-पिता बच्ची को ई-रिक्शा से लोकबंधु अस्पताल ले गए, जहां से उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में भर्ती बच्ची की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उसके निजी अंगों पर गंभीर चोटें हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. जे.डी. रावत ने बताया कि बच्ची दर्द से कराह रही थी और उसकी सर्जरी की योजना बनाई जा रही है।

कौन था दीपक वर्मा?

पुलिस के अनुसार, दीपक वर्मा रेलवे स्टेशन पर वेंडर का काम करता था और पानी जैसी चीजें बेचता था। वह कभी-कभी जगरातों में झांकियां भी लगाता था। उसके खिलाफ हजरतगंज थाने में पहले से एक मुकदमा दर्ज था।

कैसे हुई यह दिल दहलाने वाली घटना?

पीड़िता का परिवार मूल रूप से उन्नाव का रहने वाला है और लखनऊ में कबाड़ बीनने का काम करता है। बच्ची के पिता ने बताया कि बुधवार रात वह पत्नी और बच्ची के साथ मेट्रो स्टेशन के चबूतरे पर सो रहे थे। तड़के करीब 3 बजे जब उनकी आंख खुली, तो बच्ची गायब थी। खोजबीन के दौरान एक वृद्ध ने बताया कि बच्ची लिफ्ट के पास गलियारे में रो रही है। वहां पहुंचने पर माता-पिता ने बच्ची को खून से लथपथ पाया।

सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था

इस घटना ने लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मेट्रो स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थान पर इतने जघन्य अपराध ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने भले ही आरोपी को ढेर कर दिया, लेकिन मासूम की जिंदगी पर पड़े इस दाग को मिटाना आसान नहीं होगा। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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