वाराणसी, 29 अप्रैल 2025, मंगलवार। वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। 50 वर्षीय इलेक्ट्रीशियन फया राजभर का अपहरण कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। चार दिन बाद मंगलवार सुबह कुंडरिया गांव के सिवान में एक पुराने कुएं से दुर्गंध उठने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद सामने आया यह भयावह मंजर।
फया राजभर 25 अप्रैल को अपने दोस्त रहीस पठान के साथ घर से निकले थे। उनकी बेटी सुलेखा ने बताया, “पापा ने कहा था कि रहीस के साथ गांव के शिव मंदिर में भंडारे में प्रसाद खाने जा रहे हैं।” लेकिन फया न तो भंडारे पहुंचे और न ही उस रात घर लौटे। परिवार ने पहले सोचा कि शायद वह किसी रिश्तेदार के यहां चले गए हों। लेकिन दो दिन तक कोई खबर न मिलने पर सुलेखा ने मिर्जामुराद पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने रहीस पठान से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसका फोन बंद था।
मंगलवार सुबह जब कुएं से शव बरामद हुआ, तो हत्या की क्रूरता सामने आई। पुलिस ने घटनास्थल से खून से सनी लाठी बरामद की। फया के सिर पर गहरी चोट और शरीर पर कई जगह चोटों के निशान थे। एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को कुएं से बाहर निकाला। फोरेंसिक और डॉग स्क्वायड टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच शुरू की। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जंसा, कपसेठी, बड़ागांव, लोहता और मिर्जामुराद थानों की पुलिस तैनात की गई।
ACP राजातालाब अजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी। फया राजभर के दो बेटे और दो बेटियां हैं, जो इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। गांव में दहशत का माहौल है, और लोग इस बात से हैरान हैं कि दोस्ती के नाम पर इतना बड़ा धोखा कैसे हो सकता है।
पुलिस अब रहीस पठान की तलाश में जुट गई है, जो इस मामले का मुख्य संदिग्ध है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज में विश्वास की नींव को भी हिला देने वाली है। क्या इस हत्याकांड के पीछे कोई पुरानी रंजिश थी, या फिर कोई और साजिश? पुलिस की जांच इसका जवाब जल्द देगी, लेकिन फया राजभर का परिवार अब केवल न्याय की आस में है।