वाराणसी, 31 जनवरी 2025, शुक्रवार। काशी में महाकुंभ के अवसर पर 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई है। यह भीड़ न केवल शहर की सड़कों पर बल्कि गंगा घाटों पर भी देखी जा सकती है। इस भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कई व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन फिर भी चुनौतियां कम नहीं हुई हैं। लिहाजा, 31 जनवरी से 5 फरवरी तक विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट से लेकर अस्सी घाट तक की गंगा आरती रोक दी गई है। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रशासन का मानना है कि गंगा आरती के दौरान लाखों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है, जिससे अनहोनी की आशंका रहती है।
श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने की अपील
वाराणसी में गंगोत्री सेवा समिति ने बड़ा फैसला लेते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती को 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस फैसले के पीछे की वजह श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा है। समिति के किशोरी रमण दूबे उर्फ बाबू महाराज ने बताया कि इस फैसले के पीछे की मंशा श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से गंगा आरती का आयोजन करना है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकार करें और धैर्य बनाए रखें।
अस्सी घाट और अन्य घाटों पर गंगा आरती कराने वाली समितियों ने भी जनसामान्य से अनुरोध किया है कि वे इस स्थिति में प्रशासन की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों और वैकल्पिक व्यवस्थाओं का पालन करें। समिति का कहना है कि परिस्थितियां अनुकूल होने पर आरती का आयोजन पहले की तरह होगा। बता दें, काशी में महाकुंभ के अवसर पर होटल, धर्मशालाएं और सरकारी स्टे कैंप सभी हाउसफुल हैं। यहां तक कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास 5 लाख से ज्यादा लोग वाहनों का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर वे लोग हैं जो प्रयागराज महाकुंभ जाना चाहते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें
काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक 5 किमी तक लाइनें लगी हुई हैं। श्रद्धालुओं को कई घंटों तक लाइन में खड़े रहना पड़ रहा है। प्रशासन ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन फिर भी समस्या बनी हुई है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने भीड़ के मूवमेंट को देखते हुए व्यवस्था की है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए भी कई व्यवस्थाएं की हैं। इसके अलावा, प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस अस्थायी परिवर्तन को समझदारी के साथ स्वीकार करें और धैर्य बनाए रखें।