वाराणसी, 7 मई 2025, बुधवार। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। इस हमले के बाद देश में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का सिलसिला शुरू हो गया है। खासकर वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों में, जहां आस्था और संस्कृति का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है, सुरक्षा बलों ने कमर कस ली है। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में फोर्स की तैनाती बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में बुधवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 600 जवानों के साथ एक भव्य मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें युद्ध और आपदा की स्थिति में बचाव के तौर-तरीकों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। रात 8 बजे शहर में ब्लैकआउट कर लोगों को युद्धकालीन सतर्कता का अहसास कराया गया, जब सभी ने अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
मॉक ड्रिल: युद्ध और आपदा से निपटने की तैयारी
वाराणसी के पुलिस लाइन में आयोजित इस मॉक ड्रिल में आम नागरिकों को हवाई हमले और आपदा से बचने की ट्रेनिंग दी गई। सायरन की गूंज के साथ लोगों को अलर्ट किया गया। आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने और सुरक्षित निकलने के तरीके सिखाए गए। अभ्यास के दौरान पांडेयपुर इलाके में भगदड़ का सीन रचा गया, जिसमें कई लोग घायल होने का नाट्य मंचन किया गया। NDRF की टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और घायलों को घटनास्थल से निकालकर मेडिकल पोस्ट पर पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें एम्बुलेंस के जरिए डीडीयू अस्पताल ले जाया गया।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मॉक ड्रिल का दृश्य और भी रोमांचक था। मिसाइल हमले की सूचना प्रसारित होते ही पूरा कॉरिडोर युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। NDRF और अन्य सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई शुरू की। घायलों को बाहर निकाला गया, कुछ को CPR दी गई, और गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल भेजा गया। एक दीवार को काटकर मलबे में फंसे लोगों तक पहुंचने का अभ्यास भी किया गया। इस दौरान डॉग स्क्वायड की टीम ने मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में अपनी कुशलता दिखाई। यह अभ्यास सुबह 6 बजे शुरू हुआ और कई घंटों तक चला, जिसमें हर पहलू को बारीकी से परखा गया।
ब्लैकआउट: युद्धकालीन सतर्कता का प्रतीक
रात 8 बजे वाराणसी में ब्लैकआउट का आयोजन किया गया। शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं, जिससे युद्धकालीन स्थिति का अहसास हुआ। इस दौरान जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, अपर आयुक्त कानून व्यवस्था डॉ. एस चन्नप्पा, एडीएम सिटी आलोक वर्मा और उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जितेंद्र देव सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। ब्लैकआउट ने न केवल नागरिकों को सतर्कता का संदेश दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि युद्ध जैसी स्थिति में शहर एकजुट होकर कैसे मुकाबला कर सकता है।
काशी की सुरक्षा, देश की शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह मॉक ड्रिल न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास था, बल्कि देश के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के लिए भी एक मिसाल है। 600 जवानों की उपस्थिति में हुए इस अभ्यास ने दिखाया कि भारत न केवल सीमाओं पर, बल्कि अपने शहरों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी पूरी तरह तैयार है। यह मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता का प्रदर्शन था, बल्कि आम नागरिकों में जागरूकता और एकजुटता का संदेश भी दे गया। काशी ने साबित कर दिया कि वह आस्था के साथ-साथ सुरक्षा के मामले में भी अडिग है।