नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए सनसनीखेज आरोप लगाया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता मिलने से तीन साल पहले 1980 में मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया था। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को यह दावा करते हुए विपक्षी नेताओं पर ‘वोट चोरी’ और मतदाता सूची में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया।
ठाकुर ने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के एक X पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें 1980 की नई दिल्ली विधानसभा मतदाता सूची की प्रति साझा की गई थी। इस सूची में सोनिया गांधी का नाम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के साथ दर्ज है। ठाकुर ने दावा किया कि इटली में जन्मीं सोनिया गांधी को 1983 में भारतीय नागरिकता मिली, लेकिन उनका नाम उससे पहले ही वोटर लिस्ट में शामिल था।
विपक्षी नेताओं से इस्तीफे की मांग
भाजपा ने रायबरेली, वायनाड, डायमंड हार्बर और कन्नौज लोकसभा सीटों पर मतदाता पंजीकरण में कथित अनियमितताओं का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की मांग की है। इसके अलावा, तमिलनाडु की कोलाथुर विधानसभा और उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी मतदाता सूची में धांधली के आरोप लगाते हुए द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सपा नेता डिंपल यादव से इस्तीफे की मांग की गई।
‘चोर मचाए शोर’ का तंज
दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में एक स्लाइड-शो प्रस्तुति के जरिए ठाकुर ने विपक्षी नेताओं के निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का विश्लेषण पेश किया। उन्होंने विपक्ष पर निर्वाचन आयोग की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा, “विपक्ष अपने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए वोट बैंक और अन्य घुसपैठियों को बचाने के लिए निर्वाचन आयोग पर सवाल उठा रहा है। यह ‘चोर मचाए शोर’ की स्थिति है।”
‘फर्जी वोटर क्यों बनाए?’
ठाकुर ने सवाल उठाया, “रायबरेली से वायनाड, कन्नौज से डायमंड हार्बर तक, हर जगह फर्जी वोटर क्यों बनाए गए? क्या विपक्षी नेता ‘वोट चोरी’ और घुसपैठियों को बचाने के लिए इस्तीफा देंगे?” दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को लागू न करने का आरोप लगाया था और मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए कहा था, “अभी पिक्चर बाकी है।”
विवाद गहराने के आसार
भाजपा के इन आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुद्दा संसद से सड़क तक जोर पकड़ेगा। निर्वाचन आयोग की ओर से भी इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है। इस बीच, भाजपा ने विपक्ष पर हमला तेज करते हुए मतदाता सूची की पारदर्शिता और निष्पक्ष चुनाव की मांग को और मुखर कर दिया है।