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Sunday, June 22, 2025

भाजपा कार्यसमिति बैठक: कुल्लू जिले में मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के कमजोर प्रदर्शन पर चिंता जताई

मंडी संसदीय सीट के अलावा फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई और अर्की विधानसभा में हुए उपचुनाव में भाजपा की हार पर शिमला में पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में बुधवार को बड़े स्तर पर मंथन हुआ। राज्य अतिथि गृह में शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह क्षेत्र की मंडी लोकसभा सीट पर भितरघात हार का कारण रहा है तो वहीं वीरभद्र फैक्टर ने भी भाजपा को परास्त किया। यहां टिकट पर भी पुनर्विचार हो सकता था। वहीं जुब्बल-कोटखाई में भी भाजपा टिकट आवंटन से चूक गई। अर्की और फतेहपुर में अपनों ने ही दगा दिया। यहां भी टिकट देने के लिए अन्य विकल्प पर विचार हो सकता था। भाजपा के प्रभारी मंत्रियों का भी कमजोर प्रदर्शन कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा का विषय बना रहा।

प्रदेश भाजपा नेताओं ने पार्टी प्रभारी अविनाश राय खन्ना और सह प्रभारी संजय टंडन के सामने हार के कई कारण गिनाए। दोपहर बाद करीब 4 बजे शुरू हुई बैठक रात करीब 10 बजे तक चली। पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में मंडी जिले से भाजपा का अच्छा प्रदर्शन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र होने के नाते उनके सीएम पद के रसूख के नाते माना गया, मगर यहां भी भाजपा के कुछ नेताओं के भितरघात की बातें सामने आईं।

कुल्लू जिले में मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के कमजोर प्रदर्शन पर भी चिंता जताई गई। लाहौल-स्पीति से मंत्री रामलाल मारकंडा के भी लीड न दिला पाने पर अफसोस जताया गया। वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कहां चूके और उनके उपचुनाव से पहले आए विवादित बयानों के घाटे-नफे क्या रहे, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। ब्रिगेडियर कुशाल चंद के बजाय अगर अन्य उम्मीदवार होता तो जीत के कितने करीब होते, इस बारे में भी चर्चा हुई।

अर्की में गोविंद राम शर्मा और पूर्व मंत्री आशा परिहार के प्रचार न करने के एलान से भी नुकसान की बातें सामने आईं और यहां से प्रत्याशी रत्न सिंह पाल का पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल न बन पाने का कारण भी उजागर हुआ। वीरभद्र सिंह यहां से विधायक थे तो उनके सहानुभूति फैक्टर के इस सीट पर प्रभाव से भी इंकार नहीं किया गया। फतेहपुर में टिकटार्थी पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार की नाराजगी, पूर्व भाजपा सांसद राजन सुशांत का निर्दलीय चुनाव लड़ना, यहां पिछले बागी बलदेव शर्मा को टिकट देने जैसे कई कारणों पर भी हार का कारण आंका गया।

पूर्व मंत्री दिवंगत सुजान सिंह पठानिया के अपने प्रभाव और उनके बेटे भवानी पठानिया के चुनाव लड़ने को भी भाजपा की हार की वजह माना गया। जुब्बल-कोटखाई में कमजोर प्रत्याशी को टिकट देना और भाजपा की बड़े स्तर पर बगावत हार की वजह बनी। यह भी बात उठी कि यहां पूर्व मंत्री दिवंगत नरेंद्र बरागटा ने भाजपा को खड़ा किया था, उनके बेटे चेतन बरागटा की उपेक्षा करना भाजपाइयों को नाराज कर गया। बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, सतपाल सिंह सत्ती, राजीव बिंदल, संगठन महामंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जमवाल, राकेश जमवाल, त्रिलोक कपूर और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल मौजूद रहे।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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