2020 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच आधे-आधे का समझौता हुआ था। अब नीतीश कुमार ने इस समझौते को आगामी विधान परिषद चुनावों में भी लागू करने की मांग की है, जिसे भाजपा मानने के लिए तैयार नहीं है। इन चुनावों के लिए अधिसूचना जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। विधान परिषद में इस समय 24 सीट रिक्त हैं।
जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को 50-50 की मांग उठाई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि विधानसभा चुनावों के दौरान जिस फार्मूला पर सहमति जताई गई थी उससे हटने का कोई कारण नहीं है। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा नेताओं का कहना है कि आगामी विधान परिषद चुनावों के लिए पार्टी नीतीश कुमार की इस मांग को स्वीकार करने वाली नहीं है।
कुशवाहा बोले, पुराने फॉर्मूले से पीछे हटने का कोई कारण नहीं
कुशवाहा ने कहा था, ‘2015 के विधानसभा चुनाव के बाद से हमेशा जदयू और इसके बड़े सहयोगी ने हर गठबंधन में सीट बंटवारे पर 50-50 का फॉर्मूला अपनाया है। इसमें 2019 के संसदीय चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस बार भी इसी फॉर्मूला को अमल में लाया जाएगा।’ लेकिन चर्चा यही है कि भाजपा इस बार सीट बंटवारे के इस तरीके को अपनाने के विचार में नहीं है।
2020 में इस समझौते के तहत जदयू को 122 और भाजपा को 121 सीटें मिली थीं। इसके अलावा दोनों पार्टियों ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को अपने-अपने कोटा से सीट दी थीं।
13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी भाजपा, 11 जदयू को देगी
बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सुझाव दिया है कि सीटों की संख्या पर फैसला दिल्ली में लिया जाएगा और बताया कि क्यों जदयू का यह फैसला स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले तो भाजपा की केंद्रीय संसदीय समिति इस पर फैसला लेगी कि हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 24 रिक्त सीटों में 13 भाजपा की थीं।’
राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी कुशवाहा की मांग को एक तरह से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कुशवाहा के बयान का कोई महत्व नहीं है। यह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि कितनी सीटों पर उम्मीदवार उतारने हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि भाजपा 13 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी और 11 जदयू को देगी। उनके अनुसार पार्टी हम और वीआईपी को सीट देने के पक्ष में नहीं है।
हम ने दो सीटें तो वीआईपी ने की है चार सीटें दिए जाने की मांग
उधर, हम ने विधान परिषद चुनाव के लिए दो और वीआईपी ने चार सीटें दिए जाने की मांग की है। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवी का कहना है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हम दूसरी रणनीति पर विचार करेंगे। वहीं, आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लड़ने का एलान कर भाजपा को खफा कर चुकी वीआईपी का कहना है कि अगर भाजपा हमारी मांग स्वीकार नहीं करती है तो हम भी शांत बैठने वाले नहीं हैं।