नई दिल्ली, 19 मार्च 2025, बुधवार। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम ठेकेदारों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी देने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। देश की वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी से बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने और हिंदुओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल असंवैधानिक है, बल्कि समाज के लिए भी घातक है। चुघ ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस हाईकमान का इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर समर्थन दिखाता है कि पार्टी ने अपना झंडा और एजेंडा मुस्लिम लीग के पास गिरवी रख दिया है।
चुघ ने कहा कि कर्नाटक में मुस्लिम ठेकेदारों को आरक्षण देने के पीछे राहुल गांधी की गहरी सोच है। उन्होंने दावा किया कि बार-बार हार के बावजूद राहुल गांधी सबक नहीं सीख रहे हैं और यह आरक्षण गांधी परिवार के संरक्षण में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और छद्मवाद को चरम पर ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस अब मुस्लिम लीग का झंडा उठाकर देश को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और डी.के. शिवकुमार कांग्रेस हाईकमान के हाथों की कठपुतली मात्र हैं। उनके पास इस तरह की घोषणा करने का साहस या राजनीतिक शक्ति नहीं है। चुघ ने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति में नए मानक स्थापित कर रही है, जो राष्ट्र के लिए हानिकारक हैं।
चुघ ने जोर देकर कहा कि धर्म के आधार पर सरकारी टेंडरों में आरक्षण असंवैधानिक है। उन्होंने कई अदालती फैसलों का हवाला देते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी धर्म आधारित आरक्षण को असंवैधानिक ठहराया है। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने उनके बार-बार वियतनाम दौरे पर सवाल उठाए। चुघ ने कहा कि राहुल गांधी इस साल अब तक 22 दिन वियतनाम में बिता चुके हैं, जितना समय उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भी नहीं दिया। उन्होंने पूछा कि विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी से देश जानना चाहता है कि उन्हें वियतनाम से इतना प्रेम क्यों हो गया है?
चुघ ने कांग्रेस और राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या कांग्रेस संविधान, बाबासाहेब आंबेडकर और सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हो गई है? क्या कर्नाटक के बहाने कांग्रेस दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनना चाहती है? क्या कर्नाटक के संसाधनों पर सिर्फ मुसलमानों का अधिकार है? उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने धर्म आधारित आरक्षण को स्पष्ट रूप से निषेध किया था और इसे देश के लिए हानिकारक बताया था। चुघ ने आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की राजनीति में डूबी कांग्रेस अब तुच्छ राजनीति पर उतर आई है और केवल एक विशेष वर्ग के लिए काम कर रही है। हालांकि, भाजपा समाज और देश विरोधी किसी भी फैसले का विरोध करेगी और जरूरत पड़ने पर हर संभव कदम उठाएगी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने एक नया प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सरकारी टेंडरों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे पहले भी सरकार ने मुसलमानों के लिए कई विशेष सुविधाएं लागू की हैं, जिनमें मौलानाओं के लिए प्रतिमाह 6,000 रुपये की सहायता, वक्फ संपत्ति और कब्रिस्तानों के लिए 150 करोड़ रुपये का अनुदान, मदरसों के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान, मुस्लिम विवाह के लिए 50,000 रुपये की सहायता, मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विकास के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता, मुस्लिम छात्र-छात्राओं की स्कूल-कॉलेज फीस में 50% तक की छूट, मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण, और बेंगलुरु में हज हाउस के विकास व विस्तार जैसी योजनाएं शामिल हैं।