नई दिल्ली, 16 अप्रैल 2025, बुधवार। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन अपनी-अपनी रणनीतियों को धार देने में जुटे हैं। इसी कड़ी में 17 अप्रैल को पटना में इंडिया गठबंधन की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें गठबंधन की रणनीति और सीएम चेहरे पर चर्चा होगी। लेकिन इस बैठक से पहले ही बीजेपी ने सियासी हलचल मचा दी है। उसका दावा है कि महागठबंधन के कुछ दल उनके संपर्क में हैं और गठबंधन जल्द ही बिखर सकता है।
बीजेपी का दांव, गठबंधन में खलबली
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि महागठबंधन के कुछ दल उनके साथ बातचीत में हैं और वे जल्द ही एनडीए का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इन दलों के नाम उजागर नहीं किए, जिससे सियासी अटकलों का बाजार गर्म है। दूसरी ओर, कांग्रेस और आरजेडी ने बीजेपी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि गठबंधन न केवल मजबूत है, बल्कि इसमें नए दल भी शामिल होने वाले हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि पटना की बैठक में गठबंधन की एकजुटता और रणनीति की झलक दिखेगी।
मुकेश साहनी पर सस्पेंस
इस बीच, वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी को लेकर भी कयास तेज हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि वे बीजेपी के संपर्क में हैं। हालांकि, साहनी ने इन अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे महागठबंधन के साथ हैं और पटना की बैठक में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बीजेपी पर झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
इंडिया गठबंधन का इतिहास और नीतीश का रोल
बिहार में इंडिया गठबंधन को महागठबंधन के नाम से जाना जाता है। इसकी नींव जेडीयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश ने बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए देशभर में मोर्चा संभाला था। पटना में ही इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई थी। लेकिन बाद में नीतीश नाराज होकर एनडीए में शामिल हो गए। अब एक बार फिर महागठबंधन अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है।
क्या होगा बैठक का नतीजा?
पटना में होने वाली इस बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या गठबंधन नया जोश दिखाएगा या बीजेपी का दावा सच साबित होगा? साहनी जैसे नेताओं की मौजूदगी और नए दलों के शामिल होने की संभावना इस बैठक को और अहम बना रही है। बिहार की सियासत में यह बैठक एक नया मोड़ ला सकती है। फिलहाल, सियासी गलियारों में एक ही सवाल गूंज रहा है- क्या इंडिया गठबंधन एकजुट रहेगा, या बीजेपी का दांव कामयाब होगा?