नई दिल्ली, 16 जून 2025, सोमवार। बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी तैयारियों को फुल स्पीड मोड में ला दिया है! पार्टी ने पटना में एक हाईटेक इलेक्शन वॉर रूम स्थापित कर लिया है, जो इस बार के चुनावी रण का कंट्रोल रूम होगा। इस वॉर रूम से न सिर्फ रणनीति बनाई जाएगी, बल्कि हर कदम पर विपक्ष को मात देने की चाल चली जाएगी।
रोहन गुप्ता: भाजपा के रणनीतिक सुपरमैन
इस वॉर रूम की कमान सौंपी गई है भाजपा के तेज-तर्रार नेता रोहन गुप्ता को, जो पहले हरियाणा, झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीतिक चतुराई का लोहा मनवा चुके हैं। गुप्ता की अगुवाई में वॉर रूम न केवल उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर रहा है, बल्कि जमीनी स्तर पर हर छोटी-बड़ी जानकारी को बारीकी से खंगाल रहा है। नीतीश सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म होने जा रहा है, और उससे पहले ही चुनावी बिगुल बजने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
150 वॉलंटियर्स की फौज, कॉल सेंटर से शुरू हुआ धमाल
भाजपा ने इस बार 135 से 150 वॉलंटियर्स की एक मजबूत टीम तैयार की है, जो वॉर रूम के कॉल सेंटर से ऑपरेशन चला रही है। ये वॉलंटियर्स बूथ और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं, वोटर प्रोफाइल की जानकारी जुटा रहे हैं और नए मतदाताओं को जोड़ने की मुहिम में जुटे हैं। पहले चरण में इनका मिशन है- नए वोटरों को मतदाता सूची में शामिल करना और रैलियों व सभाओं के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट करना।
जमीनी फीडबैक और स्मार्ट रणनीति
भाजपा की रणनीति सिर्फ कॉल सेंटर तक सीमित नहीं है। पार्टी जमीनी हकीकत जानने के लिए बूथ और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर रही है। एक महीने बाद यह कॉल सेंटर सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों और खास तौर पर महिला वोटरों तक पहुंचेगा, ताकि उनका भरोसा जीता जा सके। इसके अलावा, एनडीए के संभावित उम्मीदवारों का फीडबैक भी लिया जा रहा है, ताकि सबसे मजबूत चेहरों को मैदान में उतारा जा सके।
सीट बंटवारे का मास्टरप्लान
भाजपा के प्रदेश सचिव (संगठन) भीखूभाई दलसानिया खुद विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर जमीनी स्थिति का जायजा ले रहे हैं। हाल ही में अहमदाबाद विमान हादसे के कारण उनका दौरा रुका था, लेकिन जल्द ही यह फिर से शुरू होगा। एनडीए के सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे की रणनीति भी बन रही है। भाजपा उन सीटों को अपने पास लेना चाहती है, जहां वह पिछले तीन चुनावों में जीत नहीं पाई, और बदले में सहयोगियों को ऐसी सीटें देगी, जहां उनकी जीत की संभावना ज्यादा है।
भाजपा का मिशन: बिहार पर कब्जा
भाजपा का यह वॉर रूम न सिर्फ एक कमांड सेंटर है, बल्कि एक ऐसी प्रयोगशाला है, जहां हर वोट, हर कार्यकर्ता और हर रणनीति को परखा जा रहा है। नए वोटरों को जोड़ने से लेकर महिला मतदाताओं तक पहुंचने और जमीनी फीडबैक के दम पर, भाजपा बिहार में अपनी जीत का परचम लहराने को तैयार है। अब देखना यह है कि क्या विपक्ष इस रणनीति का जवाब दे पाएगा, या भाजपा की यह चाल बिहार की सियासत में गेम-चेंजर साबित होगी!