राजग से नाता तोड़ने के बाद सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मिशन दिल्ली का आगाज किया। इस क्रम में पहले पटना में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर विपक्ष को एकजुट करने का मंत्र लिया तो दिल्ली पहुंचकर सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास पर आए नीतीश ने कहा कि उनकी पीएम बनने की नहीं, बल्कि विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की इच्छा है
विपक्ष को एकजुट करने की शुरू हुई नई मुहिम के तहत नीतीश की अगले दो दिनों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, रालोद, इनेलो, टीएमसी सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान नीतीश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलेंगे।
दिल्ली रवाना होने से कुछ देर पहले नीतीश ने पटना में राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की। मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम दोनों एक ही विचारधारा के लोग हैं। सभी बातों में हमारी सहमति है। नीतीश ने साल 2017 में भाजपा से हाथ मिलाने को गलत फैसला बताया। उन्होंने कहा कि फिलहाल विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने की जरूरत है।
पीएम बनने की नहीं, विपक्ष को एकजुट करने की इच्छा
दिल्ली पहुंचने पर नीतीश ने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। वह बस यह चाहते हैं कि भाजपा के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट हो। उन्होंने कहा कि विपक्ष की एकजुटता देशहित में है। इसके लिए वह अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे।
नीतीश ने केरल दौरे से वापस आए राहुल गांधी से करीब आधे घंटे चर्चा की। जदयू सूत्रों ने बताया कि इस दौरान विपक्ष के नेतृत्व पर कोई बात नहीं हुई। दोनों नेताओं ने भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया। भविष्य में एक एजेंडे के तहत भाजपा के खिलाफ अभियान छेड़ने पर बातचीत हुई।