रांची, 24 मई 2025, शनिवार। झारखंड के लातेहार जिले के घने जंगलों में शनिवार की सुबह उस वक्त गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजी, जब पुलिस और उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस एनकाउंटर में पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की और JJMP के सुप्रीमो पप्पू लोहरा समेत उसके एक साथी को मार गिराया। पप्पू लोहरा पर 15 लाख रुपये का इनाम था, और उसकी मौत को पुलिस ने नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक झटके के रूप में देखा।
जंगल में गूंजी गोलियां
घटना लातेहार के इचाबार सलैया जंगल की है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पप्पू लोहरा अपने गैंग के साथ जंगल में छिपा हुआ है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तड़के सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही पुलिस की टीमें जंगल में दाखिल हुईं, लोहरा और उसके साथियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला, और घंटों चली इस मुठभेड़ में दो उग्रवादी मारे गए। शवों की शिनाख्त के बाद पता चला कि इनमें से एक JJMP का कुख्यात सुप्रीमो पप्पू लोहरा था।
कौन था पप्पू लोहरा?
पप्पू लोहरा की कहानी नक्सलवाद से शुरू हुई थी। पहले वह नक्सली संगठनों का हिस्सा था, लेकिन बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई के बाद उसने अपना रास्ता बदल लिया। लोहरा ने JJMP नाम से अपना अलग उग्रवादी संगठन बनाया और अवैध वसूली, लूटपाट और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया। उसका गैंग इलाके में दहशत का पर्याय बन चुका था। पुलिस के मुताबिक, लोहरा की गतिविधियां स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बन गई थीं, और उसकी गिरफ्तारी या मुठभेड़ पुलिस की प्राथमिकता थी।
पुलिस की रणनीति और जीत
लातेहार पुलिस ने इस ऑपरेशन को गुप्त सूचना और सटीक रणनीति के साथ अंजाम दिया। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने जंगल के हर कोने को खंगाला और उग्रवादियों को घेर लिया। मुठभेड़ के बाद जब धुंध छटी, तो पुलिस के जवानों के चेहरों पर जीत की मुस्कान थी। पप्पू लोहरा जैसे खूंखार उग्रवादी को ढेर करना न केवल लातेहार पुलिस के लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
नक्सलवाद के खिलाफ लगातार कार्रवाई
यह मुठभेड़ उस समय हुई है, जब पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज है। हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में सैकड़ों नक्सली मारे गए हैं, और हजारों ने हथियार डालकर समर्पण किया है। बीते दिनों एक ऑपरेशन में 27 नक्सलियों को ढेर किया गया था। झारखंड में पप्पू लोहरा का खात्मा इस लड़ाई में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है।
नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार
पप्पू लोहरा का अंत न केवल JJMP के लिए बड़ा झटका है, बल्कि यह नक्सलवाद और उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में पुलिस की मजबूत इच्छाशक्ति को भी दर्शाता है। लातेहार पुलिस की इस कामयाबी ने स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा की भावना जगाई है। यह ऑपरेशन न केवल एक मुठभेड़ की कहानी है, बल्कि यह दर्शाता है कि कानून का डंडा हर उस शख्स तक पहुंचेगा, जो शांति और व्यवस्था को चुनौती देगा।
पुलिस अब इस मुठभेड़ के बाद जंगल में और सर्च ऑपरेशन तेज करने की तैयारी में है, ताकि बचे हुए उग्रवादियों को भी पकड़ा जा सके। पप्पू लोहरा का खात्मा निश्चित रूप से इस क्षेत्र में शांति की दिशा में एक बड़ा कदम है।